
उद्धव ठाकरे औऱ अमित शाह की बुधवार को मुलाकात हुई.
मुंबई:
बुधवार को मातोश्री पर अमित शाह से 2 घंटा 20 मिनट की मुलाकात के बाद भी शिवसेना के तेवर नरम होते नहीं दिख रहे.
पालघर में पार्टी पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बीजेपी की खिंचाई जारी रखी.
उद्धव में कहा कि पालघर उपचुनाव में शिवसेना कार्यकर्ता और मतदाताओं ने बीजेपी के पसीने छुड़ा दिए. उद्धव ने पालघर में अपनी हार को हार मानने से इनकार करते हुए बीजेपी पर साम, दाम, दंड, भेद का उपयोग कर जीत हासिल करने का आरोप लगाया. उद्धव ने चुनाव आयोग पर भी पक्षपात का आरोप लगाया. उद्धव ने ये भी साफ कर दिया कि 2019 में भी पालघर में शिवसेना की तरफ से श्रीनिवास वनगा को उमीदवार बनाया जाएगा.
उद्धव ने श्रीनिवास को अभी से चुनाव की तैयारी में लगने का आदेश दिया. उद्धव ने कहा आपके पास 6 से 7 जितने भी महीने हैं आप तैयारी में लग जाओ. अपना धनुष-बाण चुनाव चिन्ह घर-घर में पहुंचाना है. अगला सांसद आप को ही बनना है और मैं किसी भी हालत में तुम्हे सांसद बनाकर रहूंगा.
युति में पालघर सीट बीजेपी के हिस्से में है. चिंतामणी वनगा बीजेपी के सांसद थे लेकिन उनकी मौत के बाद उनका परिवार उपेक्षा का आरोप लगाते हुए शिवसेना में शामिल हो गया और शिवसेना ने उसे बीजेपी के सामने चुनाव मैदान में उतारकर बीजेपी की मुसीबत बढ़ा दी थी. बड़ी मुश्किल से बीजेपी अपनी सीट बचा पाई है. अब उद्धव का कहना है कि वह पालघर लोकसभा सीट कभी नहीं छोड़ेंगे. उन्होंने श्रीनिवास वनगा को पालघर चुनाव संगठक भी बना दिया है. मतलब साफ है 7 जून को मातोश्री में अमित शाह से मुलाकात के बाद भी शिवसेना की नाराजगी दूर नहीं हुई है और वह अब भी 2019 के चुनाव में अकेले लड़ने की बात कर रही है.
पालघर में पार्टी पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बीजेपी की खिंचाई जारी रखी.
उद्धव में कहा कि पालघर उपचुनाव में शिवसेना कार्यकर्ता और मतदाताओं ने बीजेपी के पसीने छुड़ा दिए. उद्धव ने पालघर में अपनी हार को हार मानने से इनकार करते हुए बीजेपी पर साम, दाम, दंड, भेद का उपयोग कर जीत हासिल करने का आरोप लगाया. उद्धव ने चुनाव आयोग पर भी पक्षपात का आरोप लगाया. उद्धव ने ये भी साफ कर दिया कि 2019 में भी पालघर में शिवसेना की तरफ से श्रीनिवास वनगा को उमीदवार बनाया जाएगा.
उद्धव ने श्रीनिवास को अभी से चुनाव की तैयारी में लगने का आदेश दिया. उद्धव ने कहा आपके पास 6 से 7 जितने भी महीने हैं आप तैयारी में लग जाओ. अपना धनुष-बाण चुनाव चिन्ह घर-घर में पहुंचाना है. अगला सांसद आप को ही बनना है और मैं किसी भी हालत में तुम्हे सांसद बनाकर रहूंगा.
युति में पालघर सीट बीजेपी के हिस्से में है. चिंतामणी वनगा बीजेपी के सांसद थे लेकिन उनकी मौत के बाद उनका परिवार उपेक्षा का आरोप लगाते हुए शिवसेना में शामिल हो गया और शिवसेना ने उसे बीजेपी के सामने चुनाव मैदान में उतारकर बीजेपी की मुसीबत बढ़ा दी थी. बड़ी मुश्किल से बीजेपी अपनी सीट बचा पाई है. अब उद्धव का कहना है कि वह पालघर लोकसभा सीट कभी नहीं छोड़ेंगे. उन्होंने श्रीनिवास वनगा को पालघर चुनाव संगठक भी बना दिया है. मतलब साफ है 7 जून को मातोश्री में अमित शाह से मुलाकात के बाद भी शिवसेना की नाराजगी दूर नहीं हुई है और वह अब भी 2019 के चुनाव में अकेले लड़ने की बात कर रही है.