नई दिल्ली:
दिल्ली के 16 दिसंबर के सनसनीखेज सामूहिक बलात्कार और हत्या कांड के एक आरोपी ने इस मुकदमे के स्थानांतरण के लिए उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की है। आरोपी का कहना है कि उसके खिलाफ व्यापक जनाक्रोश के कारण दिल्ली में इस मुकदमे की निष्पक्ष और स्वतंत्र सुनवाई संभव नहीं है।
आरोपी मुकेश ने स्थानांतरण याचिका में कहा है कि लगातार हो रहे आन्दोलन के मद्देनजर पुलिस और न्यायिक अधिकारी आन्दोलनकारियों की मांग के अनुरूप आदेश देने के लिए दबाव में हैं और ऐसी स्थिति में यहां निष्पक्ष सुनवाई संभव नहीं है। इस मामले में मुकेश के खिलाफ हत्या, सामूहिक बलात्कार और अप्राकृतिक अपराध करने सहित कई आरोप हैं।
इस मामले में एक किशोर सहित छह आरोपी है। पांच आरोपियों में राम सिंह, उसका भाई मुकेश और उसके साथी पवन गुप्ता, विनय शर्मा तथा अक्षय ठाकुर शामिल हैं। इन सभी पर भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत हत्या, सामूहिक बलात्कार, हत्या के प्रयास, अपहरण, अप्राकृतिक अपराध, डकैती, लूटपाट के दौरान चोट पहुंचाने, सबूत नष्ट करने, आपराधिक साजिश रचने और समान मंशा से अपराध करने के आरोप हैं।
मुकेश ने अपने वकील एमएल शर्मा के जरिये यह स्थानांतरण याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि चूंकि इस घटना से दिल्ली के हर घर की भावनाएं जुड़ी हैं और यहां तक कि न्यायिक अधिकारी तथा शासन भी इससे अछूता नहीं है, इसलिए इन परिस्थितियों में उसे किसी भी स्थिति में न्याय नहीं मिल सकेगा।
याचिका में कहा गया है कि यह मामला त्वरित अदालत को सौंपा जा चुका है जहां 21 जनवरी से सुनवाई शुरू होगी। इस प्रकरण के बारे में मीडिया की खबरों, आन्देलन और राजनीतिक बयानों, मुख्य मंत्री तथा कैबिनेट मंत्रियों की व्यक्तिगत दिलचस्पी के कारण न्यायपालिका याचिकाकर्ता के खिलाफ काम करने के लिए दबाव में है।
याचिका में कहा गया है कि ऐसी स्थिति में इस मामले को दिल्ली से बाहर उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में स्थानांतरित कर देना चाहिए। याचिका के अनुसार मीडिया ट्रायल और इस घटना को लेकर रोजाना हो रहे आन्दोलनों के कारण यह मसला घर घर पहुंच चुका है। याचिकाकर्ता के वकील को भी धमकी मिल रही है और अदालत कक्ष में भी उसे ठीक से सुना नहीं गया है।
इन सभी आरोपियों ने 16 दिसंबर को चलती बस में 23 वर्षीय लड़की से सामूहिक बलात्कार के बाद उसे और उसके पुरुष मित्र को बस से बाहर फेंक दिया था। इस लड़की का 29 दिसंबर को सिंगापुर के अस्पताल में निधन हो गया।
आरोपी मुकेश ने स्थानांतरण याचिका में कहा है कि लगातार हो रहे आन्दोलन के मद्देनजर पुलिस और न्यायिक अधिकारी आन्दोलनकारियों की मांग के अनुरूप आदेश देने के लिए दबाव में हैं और ऐसी स्थिति में यहां निष्पक्ष सुनवाई संभव नहीं है। इस मामले में मुकेश के खिलाफ हत्या, सामूहिक बलात्कार और अप्राकृतिक अपराध करने सहित कई आरोप हैं।
इस मामले में एक किशोर सहित छह आरोपी है। पांच आरोपियों में राम सिंह, उसका भाई मुकेश और उसके साथी पवन गुप्ता, विनय शर्मा तथा अक्षय ठाकुर शामिल हैं। इन सभी पर भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत हत्या, सामूहिक बलात्कार, हत्या के प्रयास, अपहरण, अप्राकृतिक अपराध, डकैती, लूटपाट के दौरान चोट पहुंचाने, सबूत नष्ट करने, आपराधिक साजिश रचने और समान मंशा से अपराध करने के आरोप हैं।
मुकेश ने अपने वकील एमएल शर्मा के जरिये यह स्थानांतरण याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि चूंकि इस घटना से दिल्ली के हर घर की भावनाएं जुड़ी हैं और यहां तक कि न्यायिक अधिकारी तथा शासन भी इससे अछूता नहीं है, इसलिए इन परिस्थितियों में उसे किसी भी स्थिति में न्याय नहीं मिल सकेगा।
याचिका में कहा गया है कि यह मामला त्वरित अदालत को सौंपा जा चुका है जहां 21 जनवरी से सुनवाई शुरू होगी। इस प्रकरण के बारे में मीडिया की खबरों, आन्देलन और राजनीतिक बयानों, मुख्य मंत्री तथा कैबिनेट मंत्रियों की व्यक्तिगत दिलचस्पी के कारण न्यायपालिका याचिकाकर्ता के खिलाफ काम करने के लिए दबाव में है।
याचिका में कहा गया है कि ऐसी स्थिति में इस मामले को दिल्ली से बाहर उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में स्थानांतरित कर देना चाहिए। याचिका के अनुसार मीडिया ट्रायल और इस घटना को लेकर रोजाना हो रहे आन्दोलनों के कारण यह मसला घर घर पहुंच चुका है। याचिकाकर्ता के वकील को भी धमकी मिल रही है और अदालत कक्ष में भी उसे ठीक से सुना नहीं गया है।
इन सभी आरोपियों ने 16 दिसंबर को चलती बस में 23 वर्षीय लड़की से सामूहिक बलात्कार के बाद उसे और उसके पुरुष मित्र को बस से बाहर फेंक दिया था। इस लड़की का 29 दिसंबर को सिंगापुर के अस्पताल में निधन हो गया।
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