गुवाहाटी:
30 वर्षीय रजत सेठी का रेज्यूमे (resume) शानदार है- आईआईटी, एमआईटी और हार्वर्ड की डिग्री, साथ ही आम चुनाव में बीजेपी के पक्ष में चुनाव अभियान। गुरुवार की बात करें तो हाल ही में असम में बीजेपी की मील का पत्थर साबित हुए प्रभावशाली जीत की उपलब्धि भी इसमें जुड़ गई। इसके बावजूद रजत किसी के साथ तुलना पसंद नहीं करते।
----------------------------------------------------------------------------------------------------
पढें, पंजाब में अभी बढ़त पर है 'आप', लेकिन प्रशांत किशोर को हालात बदलने का यकीन
----------------------------------------------------------------------------------------------------
बीजेपी की जीत के बाद भगवान का शुक्रिया अदा करने के लिए मंदिर जाने से पहले उन्होंने गुवाहाटी से फोन पर बातचीत करते हुए उन्होंने कहा, 'मैं प्रशांत किशोर नहीं हूं, ये उपमाएं मीडिया इस्तेमाल कर रहा हैं।' रजत कहते हैं कि वे 37 वर्षीय प्रशांत किशोर की तुलना में अलग तरीके से काम करने पर यकीन रखते हैं। प्रशांत, पीएम नरेंद्र मोदी के साथ काम करने के बाद बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर शिफ्ट हुए और अब वे पंजाब और उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की चुनावी अभियान संभाल रहे हैं।
बीजेपी से है वैचारिक समानता
सेठी ने कहा, कि मैंने बीजेपी की मदद इसलिए की क्योंकि मेरी उसके साथ वैचारिक समानता है। मैं उन हजारों बीजेपी कार्यकर्ताओं की तरह हूं जिन्होंने अलग-अलग तरीकों से पार्टी की मदद करने की कोशिश की। इसके सहारे रजत ने यह बताने की कोशिश की है कि वे एक 'स्वतंत्र कांट्रेक्टर' की तरह नहीं हैं जो अलग-अलग दलों और संगठनों के बीच 'भटकता' रहता है।
युवा वर्ग में पार्टी का आधार बनाया
रजत पिछले वर्ष जून में अपनी डिग्री पूरी करने के बाद अमेरिका से भारत लौटे। बीजेपी के महासचिव राम माधव ने उनसे पूछा क्या वे दिल्ली से गुवाहाटी मूव करके पार्टी का राज्य के युवाओं के बीच जनाधार बनाने में काम कर सकते हैं। सेठी कहते हैं कि कि निजी जानकारी का खुलासा करने में उनकी कोई रुचि नहीं है। रजत की एकमात्र भरोसेमंद साथी शुभ्रस्था (उन्होंने केवल पहले नाम का जिक्र क्रिया ) रहीं , जो 2014 के आम चुनाव में प्रशांत किशोर के साथ काम चुकी हैं। सेठी ने एक फ्लैट किराये पर लेकर ऑफिस बनाया और काम शुरू कर दिया। सोशल मीडिया के जरिये उन्होंने सार्वजनिक संवाद कर बीजेपी का एजेंडी युवकों-युवतियों तक पहुंचाने का काम किया। भारतीय जनता पार्टी के महासचिव राम माधव के साथ शुभ्रस्था।
हार्वर्ड में सीखी बातों का इस्तेमाल चुनाव अभियान में किया
हार्वर्ड के केनेडी स्कूल से सीखीं चीजों का इस्तेमाल करते हुए उन्होंने सार्वजनिक संवाद के लिए एक पूरी सीरीज-आपसी बातचीत, असम निर्माण पर बैठकें आदि शुरू कीं, जिसमें अरुण जेटली जैसे शीर्ष केंद्रीय मंत्री रोजगार निर्माण और महिला अधिकारों और टी एस्टेट के श्रमिकों के लिए बेहतर नीतियों के जरिये पूर्वोत्तर का विकास करने के बारे में जानकारी देते थे।रजत बताते हैं कि उन्होंने फेसबुक और ट्वटिर के जरिये नई नीतियों की जानकारी लेकर लोगों के उनके बारे में राय जानी और फिर इनका उपयोग जमीनी अभियान में किया। वैसे, रजत कहते हैं कि आईटी केवल इतना ही कर सकती है।
'मैं तो बस उस टीम का एक हिस्सा था'
उन्होंने जोर देकर कहा कि बीजेपी ने असम में 'बंपर' सफलता करिश्माई सर्वानंद सोनोवाल और हिमंत विश्व शर्मा की जोड़ी के ही कारण ही हासिल की। गौरतलब है कि सोनोवाल राज्य के अगले सीएम के तौर पर शपथ लेंगे जबकि चुनाव के करीब एक वर्ष पहले ही कांग्रेस से बीजेपी में शिफ्ट हुए विश्व शर्मा ने पार्टी के चुनाव अभियान में नई जान फूंकी। सेठी विनम्रता से कहते हैं, 'राम माधवजी की ओर से तैयार की गई टीम के एक हिस्से के रूप में ही मैंने काम किया।' उन्होंने कहा, ऐसे में सारा श्रेय उनको (राम माधव को) जाना चाहिए। बीजेपी के पास सर्वानंद सोनोवाल और हिमंत विश्व शर्मा के रूप में मजबूत टीम हैं और इन चुनावों में बीजेपी की सफलता का यही सबसे बड़ा कारण है।
----------------------------------------------------------------------------------------------------
पढें, पंजाब में अभी बढ़त पर है 'आप', लेकिन प्रशांत किशोर को हालात बदलने का यकीन
----------------------------------------------------------------------------------------------------
बीजेपी की जीत के बाद भगवान का शुक्रिया अदा करने के लिए मंदिर जाने से पहले उन्होंने गुवाहाटी से फोन पर बातचीत करते हुए उन्होंने कहा, 'मैं प्रशांत किशोर नहीं हूं, ये उपमाएं मीडिया इस्तेमाल कर रहा हैं।' रजत कहते हैं कि वे 37 वर्षीय प्रशांत किशोर की तुलना में अलग तरीके से काम करने पर यकीन रखते हैं। प्रशांत, पीएम नरेंद्र मोदी के साथ काम करने के बाद बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर शिफ्ट हुए और अब वे पंजाब और उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की चुनावी अभियान संभाल रहे हैं।
बीजेपी से है वैचारिक समानता
सेठी ने कहा, कि मैंने बीजेपी की मदद इसलिए की क्योंकि मेरी उसके साथ वैचारिक समानता है। मैं उन हजारों बीजेपी कार्यकर्ताओं की तरह हूं जिन्होंने अलग-अलग तरीकों से पार्टी की मदद करने की कोशिश की। इसके सहारे रजत ने यह बताने की कोशिश की है कि वे एक 'स्वतंत्र कांट्रेक्टर' की तरह नहीं हैं जो अलग-अलग दलों और संगठनों के बीच 'भटकता' रहता है।
युवा वर्ग में पार्टी का आधार बनाया
रजत पिछले वर्ष जून में अपनी डिग्री पूरी करने के बाद अमेरिका से भारत लौटे। बीजेपी के महासचिव राम माधव ने उनसे पूछा क्या वे दिल्ली से गुवाहाटी मूव करके पार्टी का राज्य के युवाओं के बीच जनाधार बनाने में काम कर सकते हैं। सेठी कहते हैं कि कि निजी जानकारी का खुलासा करने में उनकी कोई रुचि नहीं है। रजत की एकमात्र भरोसेमंद साथी शुभ्रस्था (उन्होंने केवल पहले नाम का जिक्र क्रिया ) रहीं , जो 2014 के आम चुनाव में प्रशांत किशोर के साथ काम चुकी हैं। सेठी ने एक फ्लैट किराये पर लेकर ऑफिस बनाया और काम शुरू कर दिया। सोशल मीडिया के जरिये उन्होंने सार्वजनिक संवाद कर बीजेपी का एजेंडी युवकों-युवतियों तक पहुंचाने का काम किया।
हार्वर्ड में सीखी बातों का इस्तेमाल चुनाव अभियान में किया
हार्वर्ड के केनेडी स्कूल से सीखीं चीजों का इस्तेमाल करते हुए उन्होंने सार्वजनिक संवाद के लिए एक पूरी सीरीज-आपसी बातचीत, असम निर्माण पर बैठकें आदि शुरू कीं, जिसमें अरुण जेटली जैसे शीर्ष केंद्रीय मंत्री रोजगार निर्माण और महिला अधिकारों और टी एस्टेट के श्रमिकों के लिए बेहतर नीतियों के जरिये पूर्वोत्तर का विकास करने के बारे में जानकारी देते थे।रजत बताते हैं कि उन्होंने फेसबुक और ट्वटिर के जरिये नई नीतियों की जानकारी लेकर लोगों के उनके बारे में राय जानी और फिर इनका उपयोग जमीनी अभियान में किया। वैसे, रजत कहते हैं कि आईटी केवल इतना ही कर सकती है।
'मैं तो बस उस टीम का एक हिस्सा था'
उन्होंने जोर देकर कहा कि बीजेपी ने असम में 'बंपर' सफलता करिश्माई सर्वानंद सोनोवाल और हिमंत विश्व शर्मा की जोड़ी के ही कारण ही हासिल की। गौरतलब है कि सोनोवाल राज्य के अगले सीएम के तौर पर शपथ लेंगे जबकि चुनाव के करीब एक वर्ष पहले ही कांग्रेस से बीजेपी में शिफ्ट हुए विश्व शर्मा ने पार्टी के चुनाव अभियान में नई जान फूंकी। सेठी विनम्रता से कहते हैं, 'राम माधवजी की ओर से तैयार की गई टीम के एक हिस्से के रूप में ही मैंने काम किया।' उन्होंने कहा, ऐसे में सारा श्रेय उनको (राम माधव को) जाना चाहिए। बीजेपी के पास सर्वानंद सोनोवाल और हिमंत विश्व शर्मा के रूप में मजबूत टीम हैं और इन चुनावों में बीजेपी की सफलता का यही सबसे बड़ा कारण है।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
असम, बीजेपी, शानदार सफलता, विधानसभाचुनाव2016, चुनाव अभियान, रजत सेठी, प्रशांत किशोर, राम माधव, सर्वानंद सोनोवाल, हिमंत विश्व शर्मा, रेज्युमे, Assam, BJP, Prashant Kishor, Election Campaign, Landmark Win, Rajat Sethi, Ram Madhav, Sarbananda Sonowal, Himanta Biswa Sarma, Resum