यह ख़बर 13 सितंबर, 2013 को प्रकाशित हुई थी

भाजपा के कामकाज के तरीके से आडवाणी आहत

खास बातें

  • भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीवार के रूप में नरेन्द्र मोदी की ताजपोशी से पहले वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने पार्टी में कामकाज के तौर-तरीकों पर अपनी पीड़ा का इज़हार किया।
नई दिल्ली:

भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीवार के रूप में नरेन्द्र मोदी की ताजपोशी से पहले वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने पार्टी में कामकाज के तौर-तरीकों पर अपनी पीड़ा का इज़हार किया।

वरिष्ठ नेता ने पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह को लिखे पत्र में कहा, ‘आज दोपहर जब आप मेरे आवास पर संसदीय बोर्ड की बैठक के बारे में मुझे सूचित करने आए तब मैंने आपसे आपके कामकाज के तौर-तरीके पर मेरी पीड़ा और निराशा के बारे में बताया था।’ इस महत्वपूर्ण बैठक से अनुपस्थित रहे आडवाणी ने भाजपा अध्यक्ष से कहा कि उन्होंने संसदीय बोर्ड की बैठक में हिस्सा नहीं लेने का निर्णय किया क्योंकि उन्हें लगा कि यही ‘बेहतर’ होगा।

अपने संक्षिप्त पत्र में आडवाणी ने कहा, ‘मैंने आपसे कहा था कि मैं विचार करूंगा कि मुझे अपनी बात संसदीय बोर्ड के सदस्यों के सामने रखनी है या नहीं। अब मैंने फैसला किया है कि यह बेहतर होगा कि मैं आज की बैठक में हिस्सा नहीं लूं।’ आडवाणी मध्ययप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले मोदी को भाजपा के प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने की घोषणा करने के खिलाफ हैं।

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मोदी को पार्टी उम्मीदवार बनाए जाने के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ समर्थित प्रस्ताव पर वरिष्ठ नेता को मनाने की भाजपा नेताओं की जी-तोड़ कोशिशों का कोई नतीजा नहीं निकला और आज उनके विरोध के बावजूद मोदी के नाम की घोषणा कर दी गई।