
प्रतीकात्मक फोटो
नोएडा:
ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण के अधिकारियों पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए एक निजी संस्थान के 54 वर्षीय मालिक ने राष्ट्रपति से आत्महत्या करने की अनुमति मांगी है.
डीके गर्ग ने प्राधिकरण के अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा है कि उनसे संस्थान चलाने के लिए जरूरी अनुमति देने के लिए रिश्वत मांगी गई.
गर्ग ने कहा, प्राधिकरण के अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा जबरन धन वसूलने के दबाव बनाने वाले तरीकों और भ्रष्टाचार से मैं पीड़ित हूं. वे हमें छोटी-छोटी बातों के लिए अदालत जाने को मजबूर करते हैं, ताकि मामले वर्षों तक चलते रहें. उनका आरोप है कि अनापत्ति प्रमाणपत्र देने में देरी हो रही है. वहीं प्राधिकरण के अधिकारी दो साथ में लगे प्लॉटों को मिलाने के 2008 के आदेश का भी पालन नहीं कर रहे हैं.
हालांकि प्राधिकरण के सीईओ दीपक अग्रवाल ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि मामले की जांच की जा रही है और जल्दी ही रिपोर्ट सौंपी जाएगी.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
डीके गर्ग ने प्राधिकरण के अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा है कि उनसे संस्थान चलाने के लिए जरूरी अनुमति देने के लिए रिश्वत मांगी गई.
गर्ग ने कहा, प्राधिकरण के अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा जबरन धन वसूलने के दबाव बनाने वाले तरीकों और भ्रष्टाचार से मैं पीड़ित हूं. वे हमें छोटी-छोटी बातों के लिए अदालत जाने को मजबूर करते हैं, ताकि मामले वर्षों तक चलते रहें. उनका आरोप है कि अनापत्ति प्रमाणपत्र देने में देरी हो रही है. वहीं प्राधिकरण के अधिकारी दो साथ में लगे प्लॉटों को मिलाने के 2008 के आदेश का भी पालन नहीं कर रहे हैं.
हालांकि प्राधिकरण के सीईओ दीपक अग्रवाल ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि मामले की जांच की जा रही है और जल्दी ही रिपोर्ट सौंपी जाएगी.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)