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This Article is From Dec 19, 2020

'लव जिहाद' के आरोपी की गिरफ्तारी पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई तक लगायी रोक

अदालत ने विवादास्पद धर्मांतरण विरोधी कानून के तहत आरोपित होने वाले पहले व्यक्ति की गिरफ्तारी पर फिलहाल रोक लगा दी है. 

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'लव जिहाद' के आरोपी की गिरफ्तारी पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई तक लगायी रोक
अदालत ने कहा कि पुलिस अभी आरोपियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर सकती है
लखनऊ:

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने ‘लव जिहाद' अध्यादेश को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका पर राज्य सरकार से जवाबी हलफनामा दाखिल करने का शुक्रवार को निर्देश दिया. वहीं एक अन्य फैसले में अदालत ने विवादास्पद धर्मांतरण विरोधी कानून के तहत आरोपित होने वाले पहले व्यक्ति की गिरफ्तारी पर फिलहाल रोक लगा दी है. नदीम और उनके भाई सलमान का नाम पिछले महीने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में अक्षय कुमार त्यागी की शिकायत में दर्ज किया गया था.

अक्षय ने कहा, नदीम, एक मजदूर था, जो हरिद्वार में उसके घर पर अक्सर आया करता था और उसकी पत्नी पारुल को उसने "प्रेम के जाल" में फंसा लिया था. अक्षय ने आरोप लगाया था कि नदीम ने उसे एक स्मार्टफोन गिफ्ट किया और उससे शादी करने का वादा भी किया.  FIR के जवाब में नदीम के द्वारा याचिका दायर की गयी थी जिसके बाद इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा कि पुलिस उसके खिलाफ अगले सुनवाई तक कोई कार्रवाई नहीं करने का आदेश दिया है. अदालत ने कहा कि उसके पास अभी तक कोई सबूत नहीं है कि "नदीम द्वारा कोई बल या जबरदस्ती प्रक्रिया अपनाई जा रही है"

अदालत ने एक महत्वपूर्ण बयान में कहा कि विक्टिम वास्तव में एक वयस्क है जो अपनी भलाई को समझती है. साथ ही याचिकाकर्ता को निजता का मौलिक अधिकार है. गौरतलब है कि अदालत ने ‘लव जिहाद' अध्यादेश को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका पर राज्य सरकार से जवाबी हलफनामा दाखिल करने का भी शुक्रवार को निर्देश दिया.

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