फाइल फोटो
नई दिल्ली:
लोक लेखा समिति ने रक्षा मंत्रालय से कहा है कि वह बोफोर्स विवाद से जुड़ी सभी गुम फाइलों का पता लगाए और उसके समक्ष पेश करे. यह जानकारी समिति के दो सदस्यों ने दी है. रक्षा के मुद्दों पर बनी छह सदस्यों वाली उपसमिति बोफोर्स तोप सौदे से जुड़ी सीएजी की रिपोर्ट के कुछ पहलुओं का लंबे समय से पालन न होने के मामले पर गौर कर रही है. उपसमिति के अध्यक्ष भातृहरि महताब हैं. संसदीय पैनल की बैठक के मिनट्स के अनुसार, पीएसी ने मंत्रालय की इस बात पर कड़ी आपत्ति जताई की सीएजी रिपोर्ट के कुछ अनुच्छेद हटाए जा सकते हैं क्योंकि उससे जुड़ी कुछ फाइलें गायब हैं. बैठक इस माह की शुरुआत में आयोजित की गई थी.
बैठक के दौरान पीएसी के अध्यक्ष महताब और भाजपा के सांसद निशीकांत दुबे दोनों ने ही इस बात पर जोर दिया कि मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों को इस सौदे से जुड़ी गुम फाइलों और टिप्प्णियों का पता लगाएं और उसके समक्ष पेश करें.
यह भी पढ़ें
स्वदेशी बोफोर्स तोपों के लिए चीन में बने नकली कल-पुर्जे भेज दिए, दिल्ली की कंपनी के खिलाफ FIR दर्ज
बैठक के मिनट्स के अनुसार, शीर्ष रक्षा अधिकारी इस बात पर सहमत हो गए कि मंत्रालय सभी जरूरी जानकारी को पीएसी के साथ साझा करेगा. संपर्क किए जाने पर, दोनों सांसदों ने पुष्टि की कि मंत्रालय उनके साथ जानकारी साझा करने के लिए तैयार है.
यह भी पढ़ें
भारत की ताकत बढ़ी, पढ़ें- अल्ट्रा लाइट 145 M-777 तोपों की 5 बड़ी खासियतें
होवित्जर तोपों की खरीद के दौरान भुगतान में हुई कथित गड़बडियों से जुड़े बोफोर्स स्कैंडल से एक बड़ा राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया था और यह तूफान 1989 में राजीव गांधी सरकार के गिर जाने की वजह बना था. बोफोर्स पर कैग की रिपोर्ट पीएसी के समक्ष पड़ी सबसे पुरानी ‘लंबित’ रिपोर्ट है. पीएसी कैग की ऑडिट रिपोर्टों के संसद में रखे जाने के बाद उनका निरीक्षण करती है.
VIDEO: फिर बाहर निकलेगा बोफोर्स का जिन्न
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
बैठक के दौरान पीएसी के अध्यक्ष महताब और भाजपा के सांसद निशीकांत दुबे दोनों ने ही इस बात पर जोर दिया कि मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों को इस सौदे से जुड़ी गुम फाइलों और टिप्प्णियों का पता लगाएं और उसके समक्ष पेश करें.
यह भी पढ़ें
स्वदेशी बोफोर्स तोपों के लिए चीन में बने नकली कल-पुर्जे भेज दिए, दिल्ली की कंपनी के खिलाफ FIR दर्ज
बैठक के मिनट्स के अनुसार, शीर्ष रक्षा अधिकारी इस बात पर सहमत हो गए कि मंत्रालय सभी जरूरी जानकारी को पीएसी के साथ साझा करेगा. संपर्क किए जाने पर, दोनों सांसदों ने पुष्टि की कि मंत्रालय उनके साथ जानकारी साझा करने के लिए तैयार है.
यह भी पढ़ें
भारत की ताकत बढ़ी, पढ़ें- अल्ट्रा लाइट 145 M-777 तोपों की 5 बड़ी खासियतें
होवित्जर तोपों की खरीद के दौरान भुगतान में हुई कथित गड़बडियों से जुड़े बोफोर्स स्कैंडल से एक बड़ा राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया था और यह तूफान 1989 में राजीव गांधी सरकार के गिर जाने की वजह बना था. बोफोर्स पर कैग की रिपोर्ट पीएसी के समक्ष पड़ी सबसे पुरानी ‘लंबित’ रिपोर्ट है. पीएसी कैग की ऑडिट रिपोर्टों के संसद में रखे जाने के बाद उनका निरीक्षण करती है.
VIDEO: फिर बाहर निकलेगा बोफोर्स का जिन्न
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं