लखनऊ:
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी ने केंद्र सरकार के उस दावे को खारिज कर दिया है, जिसमें कहा गया है कि एएमयू अल्पसंख्यक संस्थान नहीं है। यूनिवर्सिटी के वाइस चासंलर लेफ्टिनेंट जनरल ज़मीरउद्दीन शाह ने कहा है कि संस्थान का अल्पसंख्यक चरित्र यूनिवर्सिटी के लिए जीने-मरने का सवाल है।
वाइस चासंलर ने ये भी कहा है कि अल्पसंख्यक चरित्र का ताल्लुक मुस्लिम समुदाय की सामाजिक, आर्थिक पिछड़ेपन को कम करने से है। दरअसल, केंद्र सरकार ने एएमयू को अल्पसंख्यक संस्थान मानने से सुप्रीम कोर्ट में इंकार कर दिया था। एएमयू ने इसे चुनौती देने का फैसला किया है।
यूनिवर्सिटी के मुताबिक, केंद्र सरकार ने वर्ष 1981 में AMU (Amendment) Act पास किया, जिसमें कहा गया है कि ये यूनिवर्सिटी मुस्लिम समुदाय द्वारा बनाई गई।
वाइस चासंलर ने ये भी कहा है कि अल्पसंख्यक चरित्र का ताल्लुक मुस्लिम समुदाय की सामाजिक, आर्थिक पिछड़ेपन को कम करने से है। दरअसल, केंद्र सरकार ने एएमयू को अल्पसंख्यक संस्थान मानने से सुप्रीम कोर्ट में इंकार कर दिया था। एएमयू ने इसे चुनौती देने का फैसला किया है।
यूनिवर्सिटी के मुताबिक, केंद्र सरकार ने वर्ष 1981 में AMU (Amendment) Act पास किया, जिसमें कहा गया है कि ये यूनिवर्सिटी मुस्लिम समुदाय द्वारा बनाई गई।
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