यह ख़बर 05 सितंबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

नरेंद्र मोदी को 'इस्लाम का दुश्मन' साबित करना चाहता है अल कायदा : अमेरिकी विशेषज्ञ

स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान लालकिले पर पीएम मोदी (फाइल चित्र)

वाशिंगटन:

अमेरिका के जाने-माने आतंकवाद विरोधी विशेषज्ञ ने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठन अल कायदा भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस्लाम के दुश्मन के तौर पर चित्रित करना चाहता है और भारत को उसकी धमकी को 'बहुत संजीदगी' से लेना चाहिए। बहरहाल, अमेरिका ने अल कायदा की क्षमताओं को ज्यादा तवज्जो नहीं देने की कोशिश की।

अमेरिका के शीर्ष आतंकवाद विरोधी विशेषज्ञ समझे जाने वाले सीआईए के पूर्व विशेषज्ञ ब्रूस रिडेल ने पीटीआई से कहा, इस साल (अल कायदा नेता अयमान अल) जवाहिरी का यह पहला वीडियो है और इसे बहुत गंभीरता से लेना चाहिए। अल कायदा प्रधानमंत्री मोदी को इस्लाम के दुश्मन के तौर पर चित्रित करना चाहता है।

रिडेल ने कहा, पाकिस्तान में इसका आधार और लश्कर-ए तैयबा के साथ इसका करीबी गठजोड़ होने की वजह से अल कायदा भारत के लिए खतरा है। उन्होंने यह बात तब कही, जब उनसे जवाहिरी के ताजे वीडियो के बारे में पूछा गया, जिसमें उसने भारत के कश्मीर, गुजरात और असम में जिहाद शुरू करने के लिए तथा खिलाफत स्थापित करने का लक्ष्य हासिल करने के लिए और अफगानास्तिान से म्यांमार तक शरियत लागू के लिए भारतीय उपमहाद्वीप में एक नई शाखा खोलने की घोषणा की है।

रिडेल ने यह दोहराया कि भारत की नई सरकार को इस धमकी को बहुत गंभीरता से लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि नई दिल्ली को अमेरिका और अफगानिस्तान के साथ आतंक विरोधी सहयोग बढ़ाना चाहिए। मुंबई में 2008 में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और अमेरिका के बीच आतंकवाद विरोधी सहयोग खासा बढ़ा है।

बहरहाल अमेरिका को वीडियो या नई शाखा अल कायदात बनाने की प्रामाणिता को अभी सत्यापित करना है। विदेश विभाग की उप प्रवक्ता मारी हर्फ ने रोज के संवाददाता सम्मेलन में कहा, अभी तक हम उसकी पुष्टि करने में सक्षम नहीं हुए हैं। स्वाभाविक रूप से हम यह चाह रहे हैं कि अगर इस बारे में और जानकारी है, तो उसे हम हासिल करें।

उन्होंने कहा कि हम इस घोषणा को अल कायदा की नई क्षमताओं के संकेत के तौर पर नहीं देख रहे हैं। उन्होंने दोहराया कि अमेरिका अल कायदा को ध्वस्त करने के लिए प्रतिबद्ध है, क्योंकि यह कहीं भी हो अमेरिका के लिए खतरा है। यह भी सुनिश्चित करना है कि अल कायदा अमेरिका के खिलाफ अपनी क्षमता बहाल नहीं कर सके।

रिडेल जैसे कई आतंक विरोधी विशेषज्ञ अमेरिकी विदेश मंत्रालय के इस रुख से सहमत नहीं हैं। उनका कहना है कि यह अल कायदा की ओर से नया खतरा है। 'मिडिल ईस्ट मीडिया रिसर्च इंस्टिट्यूट' (एमईएमआरआई) के 'जिहाद एंड टेररिज्म थ्रेट मॉनिटर' के तौफिल अहमद कहते हैं, मेरे ख्याल से, दक्षिण एशिया के लिए अल कायदा की शाखा स्थापित करने की अल जवाहिरी की घोषणा परेशान करने वाली है, क्योंकि यह 11 सिंतबर के हमले की बरसी से कुछ दिन पहले हुई है।


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