अखिलेश यादव ने ईवीएम पर सवाल उठाए (फाइल फोटो)
लखनऊ:
मध्यप्रदेश में वोटिंग मशीन में हुई गड़बड़ी को लेकर यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी सवाल खड़े किए हैं. ट्विटर पर इस पर बात रखते हुए यादव ने लिखा कि इस मामले की जांच होनी चाहिए. साथ ही उन्होंने लिखा कि बात सिर्फ़ ई.वी.एम. मशीन की जांच की नहीं, चुनावी प्रक्रिया में जनता के विश्वास की है.
इससे पहले कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) ने मध्य प्रदेश में वोटिंग मशीन (ईवीएम) में गड़बड़ी को निर्वाचन आयोग के समक्ष उठाया और मांग की कि आगामी चुनावों ईवीएम का प्रयोग रोक दिया जाए और मतपत्र के जरिये चुनाव करवाने की व्यवस्था बहाल की जाए. दोनों दलों के नेताओं ने शनिवार को मध्य प्रदेश में वीवीपीएटी मशीनों के ट्रायल को लेकर वायरल हुए वीडियो के हवाले से वोटिंग मशीनों में गड़बड़ी के अपने दावे को पुख्ता बताया. वीवीपीएटी वे मशीन होती हैं जिससे निकलने वाली पर्ची से पता चलता है कि मतदाता ने किसे वोट दिया.
कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह की अगुवाई वाले प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी को इस मामले की शिकायत कर वीडियो में दिख रहे अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से हटाते हुए मामले की जांच कराने की मांग की है.
ज्ञात हो कि वायरल हुए हुए वीडियो में मध्य प्रदेश की अटेर विधानसभा क्षेत्र के लिये कल होने जा रहे उपचुनाव में ईवीएम के ट्रायल के दौरान मशीन में गड़बड़ी पाये जाने की बात उजागर हुई है. प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया, कांग्रेस कानूनी प्रकोष्ठ के प्रमुख के सी मित्तल, महासचिव मोहन प्रकाश और राज्यसभा सदस्य विवेक तनखा शामिल थे.
कांग्रेस ने एक ज्ञापन में कहा, "ईवीएम में छेड़छाड़ के मद्देनजर पूरी प्रक्रिया की फिर से जांच आवश्यक है. आगामी चुनाव में ईवीएम के प्रयोग से पहले इन मशीनों के रखरखाव, परिचालन और डाटा फीड करने वाले लोगों और एजेंसियों की जांच की जानी चाहिए." पार्टी महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा कि अगले चुनाव, भले ही गुजरात में हो या कहीं ओर, मतपत्र के साथ होने चाहिए तथा ईवीएम का प्रयोग बंद होना चाहिए. उन्होंने ईवीएम के इस्तेमाल की मजबूरी पर सवाल उठाया जिसके चिप आयात किये जाते हैं. उन्होंने दलील दी कि यदि बैंक आफ बांग्लादेश के खातों को हैक किया जा सकता है और आठ करोड़ डालर चुराये जा सकते हैं, रूसी बैंक से तीन करोड़ डालर निकाले जा सकते हैं तो ईवीएम के साथ छेड़छाड़ क्यों नहीं हो सकती.
दिग्विजय सिंह ने कहा, "आडवाणी से लेकर मायावती तथा केजरीवाल तक मैं उनके साथ हूं." उल्लेखनीय है कि आडवाणी ने 2009 के चुनाव में ईवीएम को लेकर सवाल उठाए थे जब संप्रग लगातार दूसरी बार चुनाव जीती थी.
आप संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी वायरल हुए वीडियो के हवाले से पंजाब विधानसभा चुनाव में भी ईवीएम में छेड़छाड़ करने की अपनी शिकायत को जायज बताया. केजरीवाल ने इस वीडियो को ईवीएम में गड़बड़ी का पुख्ता सबूत बताते हुये अप्रैल में होने जा रहे नगर निगम चुनाव में मतपत्रों के इस्तेमाल की मांग को दोहराया.
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग अब तक गड़बड़ पायी जाने वाली सिर्फ एक मशीन को बदलने की जहमत उठाता है जबकि हमारी दलील है कि एक मशीन के सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी की बात सामने आने पर आयोग उस चुनाव में इस्तेमाल होने वाली सभी मशीनों की जांच क्यों नहीं करता है.
केजरीवाल ने खुद को आईआईटी का छात्र बताते हुये दावा किया कि ईवीएम के सॉफ्टवेयर में छेड़छाड़ हो सकती है. इन घटनाओं के हवाले से उन्होंने ईवीएम की चिप में कोई छेड़छाड़ नहीं किये जा सकने के दावे को भी गलत बताया. केजरीवाल ने आयोग से इन घटनाओं की जांच की मांग करते हुये दिल्ली में प्रस्तावित निगम चुनाव में 12 हजार मशीनों में छेड़छाड़ की आशंका से इंकार नहीं किया.
इससे पहले कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) ने मध्य प्रदेश में वोटिंग मशीन (ईवीएम) में गड़बड़ी को निर्वाचन आयोग के समक्ष उठाया और मांग की कि आगामी चुनावों ईवीएम का प्रयोग रोक दिया जाए और मतपत्र के जरिये चुनाव करवाने की व्यवस्था बहाल की जाए. दोनों दलों के नेताओं ने शनिवार को मध्य प्रदेश में वीवीपीएटी मशीनों के ट्रायल को लेकर वायरल हुए वीडियो के हवाले से वोटिंग मशीनों में गड़बड़ी के अपने दावे को पुख्ता बताया. वीवीपीएटी वे मशीन होती हैं जिससे निकलने वाली पर्ची से पता चलता है कि मतदाता ने किसे वोट दिया.
कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह की अगुवाई वाले प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी को इस मामले की शिकायत कर वीडियो में दिख रहे अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से हटाते हुए मामले की जांच कराने की मांग की है.
ज्ञात हो कि वायरल हुए हुए वीडियो में मध्य प्रदेश की अटेर विधानसभा क्षेत्र के लिये कल होने जा रहे उपचुनाव में ईवीएम के ट्रायल के दौरान मशीन में गड़बड़ी पाये जाने की बात उजागर हुई है. प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया, कांग्रेस कानूनी प्रकोष्ठ के प्रमुख के सी मित्तल, महासचिव मोहन प्रकाश और राज्यसभा सदस्य विवेक तनखा शामिल थे.
कांग्रेस ने एक ज्ञापन में कहा, "ईवीएम में छेड़छाड़ के मद्देनजर पूरी प्रक्रिया की फिर से जांच आवश्यक है. आगामी चुनाव में ईवीएम के प्रयोग से पहले इन मशीनों के रखरखाव, परिचालन और डाटा फीड करने वाले लोगों और एजेंसियों की जांच की जानी चाहिए." पार्टी महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा कि अगले चुनाव, भले ही गुजरात में हो या कहीं ओर, मतपत्र के साथ होने चाहिए तथा ईवीएम का प्रयोग बंद होना चाहिए. उन्होंने ईवीएम के इस्तेमाल की मजबूरी पर सवाल उठाया जिसके चिप आयात किये जाते हैं. उन्होंने दलील दी कि यदि बैंक आफ बांग्लादेश के खातों को हैक किया जा सकता है और आठ करोड़ डालर चुराये जा सकते हैं, रूसी बैंक से तीन करोड़ डालर निकाले जा सकते हैं तो ईवीएम के साथ छेड़छाड़ क्यों नहीं हो सकती.
दिग्विजय सिंह ने कहा, "आडवाणी से लेकर मायावती तथा केजरीवाल तक मैं उनके साथ हूं." उल्लेखनीय है कि आडवाणी ने 2009 के चुनाव में ईवीएम को लेकर सवाल उठाए थे जब संप्रग लगातार दूसरी बार चुनाव जीती थी.
आप संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी वायरल हुए वीडियो के हवाले से पंजाब विधानसभा चुनाव में भी ईवीएम में छेड़छाड़ करने की अपनी शिकायत को जायज बताया. केजरीवाल ने इस वीडियो को ईवीएम में गड़बड़ी का पुख्ता सबूत बताते हुये अप्रैल में होने जा रहे नगर निगम चुनाव में मतपत्रों के इस्तेमाल की मांग को दोहराया.
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग अब तक गड़बड़ पायी जाने वाली सिर्फ एक मशीन को बदलने की जहमत उठाता है जबकि हमारी दलील है कि एक मशीन के सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी की बात सामने आने पर आयोग उस चुनाव में इस्तेमाल होने वाली सभी मशीनों की जांच क्यों नहीं करता है.
केजरीवाल ने खुद को आईआईटी का छात्र बताते हुये दावा किया कि ईवीएम के सॉफ्टवेयर में छेड़छाड़ हो सकती है. इन घटनाओं के हवाले से उन्होंने ईवीएम की चिप में कोई छेड़छाड़ नहीं किये जा सकने के दावे को भी गलत बताया. केजरीवाल ने आयोग से इन घटनाओं की जांच की मांग करते हुये दिल्ली में प्रस्तावित निगम चुनाव में 12 हजार मशीनों में छेड़छाड़ की आशंका से इंकार नहीं किया.
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