पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उनके चुनाव प्रचार करने पर 24 घंटे का प्रतिबंध लगाने के निर्वाचन आयोग के फैसले के खिलाफ कोलकाता में धरना शुरू किया. उनके इस धरने को समाजवादी पार्टी ने सांकेतिक रुप से अपना समर्थन दिया है. समाजवादी पार्टी के मुखिया और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री प्रमुख अखिलेश यादव ने ममता बनर्जी का समर्थन करते हुए ट्विटर पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के चुनाव प्रचार पर रोक लगवाना दरअसल चुनाव हारती हुई भाजपा की हताशा का प्रतीक है. सपा ममता बनर्जी जी के धरने में सांकेतिक रूप से साथ है. उन्होंने कहा कि आशा है ‘श्मशान-क़ब्रिस्तान' के धार्मिक बंटवारे के बयान देने वालों पर भी निष्पक्ष चुनाव आयोग कोई प्रतिबंध लगाएगा.
प. बंगाल में ममता बनर्जी जी के चुनाव प्रचार पर रोक लगवाना दरअसल चुनाव हारती हुई भाजपा की हताशा का प्रतीक है। सपा ममता बनर्जी जी के धरने में सांकेतिक रूप से साथ है।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) April 13, 2021
आशा है ‘श्मशान-क़ब्रिस्तान' के धार्मिक बंटवारे के बयान देने वालों पर भी निष्पक्ष चुनाव आयोग कोई प्रतिबंध लगाएगा। pic.twitter.com/wh4Gyireb3
इससे पहले ममता पर लगे प्रतिबंधों पर शिवसेना ने भी हैरानी जताई थी. शिवसेना सांसद संजय राउत ने आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को 24 घंटे तक प्रचार मुहिम से रोकने का फैसला भाजपा के कहने पर लिया है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि चुनाव प्रचार पर 24 घंटे के लिए पाबंदी के निर्वाचन आयोग के फैसले को 'असंवैधानिक' बताते हुए ममता बनर्जी ने कोलकाता में धरने का ऐलान किया था.
बता दें कि निर्वाचन आयोग ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और TMC अध्यक्ष ममता बनर्जी के केंद्रीय बलों के खिलाफ बयानों और कथित धार्मिक प्रवृत्ति वाले एक बयान के लिए उनके 24 घंटे तक चुनाव प्रचार करने पर रोक लगा दी है. आदेश में कहा गया, 'आयोग 12 अप्रैल रात 8 बजे से 13 अप्रैल रात 8 बजे तक 24 घंटे की अवधि के लिए ममता बनर्जी के प्रचार करने पर प्रतिबंध भी लगाता है.'
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