यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव (Aparna Yadav) के बीजेपी में शामिल होने के सवाल पर अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने अपनी सधी प्रतिक्रिया दी है. अपर्णा यादव की मुलायम सिंह से आशीर्वाद लेती हुई वायरल तस्वीर से सियासी संदेश निकालने के बीजेपी की रणनीति पर अखिलेश यादव ने कहा कि ये काम हम भी कर सकते थे. हम भी दूसरे परिवार के लोगों को ले सकते थे, लेकिन हमने ऐसा नहीं किया. दरअसल, बीजेपी (BJP) का काम ही परिवार में झगड़ा कराने का है, समाज में झगड़ा कराने का है. अपर्णा को समझाने-बुझाने और चुनाव लड़ाने के मुद्दे पर अखिलेश यादव ने कहा कि चुनाव के वक्त आना-जाना लगा रहता है. पूर्व सीएम ने कहा, समाज में जो पैदा करे खाई, वही भाजपाई.
'ये ओपिनियन पोल नहीं बल्कि ओपियम पोल', अखिलेश यादव ने साधा निशाना
अपर्णा यादव अखिलेश के छोटे भाई प्रतीक यादव की पत्नी हैं. उन्होंने 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की प्रचंड जीत के बाद भी योगी आदित्यनाथ से जाकर मुलाकात की थी और उन्हें बधाई दी थी. उसके बाद उन्हें अपनी गोशाला में भी आमंत्रण दिया था. अपर्णा यादव की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ सेल्फी भी वायरल होती रही है.
अपर्णा यादव ने दो दिन पहले ही बीजेपी की अन्य महिला नेताओं के साथ प्रेस कान्फ्रेंस कर महिला अधिकारों के मुद्दे पर खुलकर राय रखी है. उन्होंने बीजेपी द्वारा पाकिस्तान का मुद्दा उठाने पर भी जवाब दिया. साथ ही सीएम योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य द्वारा दंगों को लेकर उन्हें कठघरे में खड़े किए जाने का भी जवाब दिया.
अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी महंगाई पर बात नहीं करना चाहती. बेरोजगारी और अन्य मुद्दों का सामना नहीं करना चाहती. उन्होंने कहा, ये बात खुद उन्होंने नहीं कही है, बल्कि देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत को कोट किया है. जनरल बिपिन रावत ने कहा था कि चीन हमारा सबसे बड़ा दुश्मन है. अखिलेश ने आरोप लगाया कि बीजेपी झूठ बोलने में माहिर हैं और उनका हर कार्यकर्ता इस झूठ को गांव-गांव तक पहुंचाता है.
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