लखनऊ:
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोमवार को कहा कि नोएडा की तर्ज पर सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कम्पनियों को अपने उद्योग लखनऊ और प्रदेश के अन्य शहरों में लगाने चाहिए।
अखिलेश ने हिंदुस्तान कम्प्यूटर्स लिमिटेड (एचसीएल) के संस्थापक शिव नाडर के साथ एक बैठक में आईटी उद्योग को प्रोत्साहित करने की चर्चा करते हुए कहा कि नोएडा की तर्ज पर सूचना प्रौद्योगिकी कम्पनियों को अपने उद्योग लखनऊ और प्रदेश के अन्य शहरों में लगाने चाहिए।
सपा की पूर्व सरकार के समय में लिए गए एक निर्णय का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि सपा सरकार में तय किया गया था कि जब तक प्रदेश के हर जिले में चार इंजीनियरिंग कालेज नहीं हो जाते तब तक नोएडा में कोई नया इंजीनियरिंग कालेज खोलने की इजाजत नहीं दी जाएगी, लेकिन पिछली सरकार ने इस निर्णय को बदल दिया। उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में एचसीएल के अलावा अन्य आईटी कम्पनियां भी प्रदेश के विकास में रुचि दिखाएंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के पिछड़ेपन को दूर करने के लिए सड़क, बिजली, सिंचाई जैसे आधारभूत क्षेत्र में काफी कार्य किया जा रहा है। प्रदेश के तेज विकास के लिए आईटी का प्रयोग काफी अहम है।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) का उपयोग करते हुए जमीनी स्तर पर जनता की समस्याओं का वास्तविक समाधान सुनिश्चित किया जाए।
उधर, एचसीएल के प्रतिनिधियों के साथ बैठक में पहुंचे शिव नाडर ने मुख्य रूप से प्राथमिक शिक्षा, उद्योग, उच्च शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में आईटी के उपयोग से होने वाले लाभ पर विस्तार से चर्चा की।
सुझाव के रूप में उन्होंने प्रस्तुतिकरण के जरिये मुख्यमंत्री अखिलेश को प्रदेश में 10 साल में निरक्षरता की सम्पूर्ण समाप्ति के सम्बंध में अवगत कराया। उन्होंने यह भी बताया कि किस प्रकार पिछड़े एवं दूर-दराज के क्षेत्रों में स्थित स्कूलों में सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग से शिक्षा को और अधिक रुचिकर एवं लाभप्रद बनाया जा सकता है।
नाडर ने राज्य सरकार द्वारा छात्रों को टैबलेट एवं लैपटॉप दिए जाने की घोषणा को प्रदेश के लिए अत्यंत उपयोगी बताते हुए प्रस्तुतिकरण में स्पष्ट किया कि इससे किस प्रकार उत्तर प्रदेश को आईटी पावर हाउस बनाया जा सकता है।
शिव नाडर फाउंडेशन की ओर से 2012 में 20 एवं 2013 में 100 प्राथमिक विद्यालयों में आईटी के उपयोग को शत-प्रतिशत वित्त पोषण का प्रस्ताव रखकर उसे सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल में बदलने का सुझाव रखा गया।
मुख्य सचिव जावेद उस्मानी ने शिव नाडर फाउंडेशन एवं एचसीएल के प्रतिनिधियों से अपेक्षा की कि वे सम्बंधित विभागों के कर्मी समूह के साथ विस्तार से विचार-विमर्श करें, ताकि उनके सम्बंध में नीतिगत निर्णय पर पहुंचा जा सके।
अखिलेश ने हिंदुस्तान कम्प्यूटर्स लिमिटेड (एचसीएल) के संस्थापक शिव नाडर के साथ एक बैठक में आईटी उद्योग को प्रोत्साहित करने की चर्चा करते हुए कहा कि नोएडा की तर्ज पर सूचना प्रौद्योगिकी कम्पनियों को अपने उद्योग लखनऊ और प्रदेश के अन्य शहरों में लगाने चाहिए।
सपा की पूर्व सरकार के समय में लिए गए एक निर्णय का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि सपा सरकार में तय किया गया था कि जब तक प्रदेश के हर जिले में चार इंजीनियरिंग कालेज नहीं हो जाते तब तक नोएडा में कोई नया इंजीनियरिंग कालेज खोलने की इजाजत नहीं दी जाएगी, लेकिन पिछली सरकार ने इस निर्णय को बदल दिया। उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में एचसीएल के अलावा अन्य आईटी कम्पनियां भी प्रदेश के विकास में रुचि दिखाएंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के पिछड़ेपन को दूर करने के लिए सड़क, बिजली, सिंचाई जैसे आधारभूत क्षेत्र में काफी कार्य किया जा रहा है। प्रदेश के तेज विकास के लिए आईटी का प्रयोग काफी अहम है।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) का उपयोग करते हुए जमीनी स्तर पर जनता की समस्याओं का वास्तविक समाधान सुनिश्चित किया जाए।
उधर, एचसीएल के प्रतिनिधियों के साथ बैठक में पहुंचे शिव नाडर ने मुख्य रूप से प्राथमिक शिक्षा, उद्योग, उच्च शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में आईटी के उपयोग से होने वाले लाभ पर विस्तार से चर्चा की।
सुझाव के रूप में उन्होंने प्रस्तुतिकरण के जरिये मुख्यमंत्री अखिलेश को प्रदेश में 10 साल में निरक्षरता की सम्पूर्ण समाप्ति के सम्बंध में अवगत कराया। उन्होंने यह भी बताया कि किस प्रकार पिछड़े एवं दूर-दराज के क्षेत्रों में स्थित स्कूलों में सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग से शिक्षा को और अधिक रुचिकर एवं लाभप्रद बनाया जा सकता है।
नाडर ने राज्य सरकार द्वारा छात्रों को टैबलेट एवं लैपटॉप दिए जाने की घोषणा को प्रदेश के लिए अत्यंत उपयोगी बताते हुए प्रस्तुतिकरण में स्पष्ट किया कि इससे किस प्रकार उत्तर प्रदेश को आईटी पावर हाउस बनाया जा सकता है।
शिव नाडर फाउंडेशन की ओर से 2012 में 20 एवं 2013 में 100 प्राथमिक विद्यालयों में आईटी के उपयोग को शत-प्रतिशत वित्त पोषण का प्रस्ताव रखकर उसे सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल में बदलने का सुझाव रखा गया।
मुख्य सचिव जावेद उस्मानी ने शिव नाडर फाउंडेशन एवं एचसीएल के प्रतिनिधियों से अपेक्षा की कि वे सम्बंधित विभागों के कर्मी समूह के साथ विस्तार से विचार-विमर्श करें, ताकि उनके सम्बंध में नीतिगत निर्णय पर पहुंचा जा सके।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं