बठिंडा रैली में अकाली नेताओं ने कांग्रेस पर राज्य को अस्थिर करने का आरोप लगाया
बठिंडा:
पंजाब में सत्तारूढ़ अकाली दल ने एक विशाल रैली कर अपनी ताकत का प्रदर्शन किया। हजारों पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों के बीच अकाली नेताओं ने विपक्षी कांग्रेस पार्टी पर खालिस्तान समर्थक ताकतों और चरमपंथी सिखों का साथ देकर राज्य को अस्थिर करने की कोशिश करने का आरोप लगाया।
अकाली दल ने इसे सद्भावना रैली का नाम दिया था। सहयोगी दल भाजपा के नेताओं ने भी इसमें शिरकत की। राज्य में धर्मग्रंथ 'गुरु ग्रंथ साहिब' की बेअदबी के बाद भड़के तनाव ने अकाली दल का चैन छीन लिया था। इस रैली के जरिए पार्टी ने फिर लोगों तक पहुंच बनाने की कोशिश की है।
मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने आरोप लगाया कि कांग्रेस चरमपंथियों के साथ मिलकर राज्य में अशांति पैदा कर रही है। विपक्षी दलों, खासकर कांग्रेस नेता अमरिंदर सिंह और प्रताप सिंह बाजवा से बादल ने कहा कि वे 'विभाजनकारी राजनीति न करें और राज्य में भाईचारे को नष्ट करने के मकसद के साथ आग से न खेलें।'
उन्होंने कहा कि सद्भावना रैलियों में सोमवार की यह पहली रैली है। इसका मकसद 10 नवंबर को 'कुछ पंजाब विरोधी और पंथ विरोधी शक्तियों द्वारा कांग्रेस के सहयोग से कुछ मासूम लोगों की धार्मिक भावनाओं से खेलने के खिलाफ लोगों में विश्वास पैदा करना है।'
वहीं उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने कांग्रेस को चुनौती दी कि वह इसी जगह पर रैली कर ले और देखे कि उसकी रैली में कितने लोग आते हैं। चरमपंथी नेताओं ने सोमवार को पंजाब बंद का आह्वान किया था जिसका कोई असर नहीं देखा गया।
अकाली दल ने इसे सद्भावना रैली का नाम दिया था। सहयोगी दल भाजपा के नेताओं ने भी इसमें शिरकत की। राज्य में धर्मग्रंथ 'गुरु ग्रंथ साहिब' की बेअदबी के बाद भड़के तनाव ने अकाली दल का चैन छीन लिया था। इस रैली के जरिए पार्टी ने फिर लोगों तक पहुंच बनाने की कोशिश की है।
मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने आरोप लगाया कि कांग्रेस चरमपंथियों के साथ मिलकर राज्य में अशांति पैदा कर रही है। विपक्षी दलों, खासकर कांग्रेस नेता अमरिंदर सिंह और प्रताप सिंह बाजवा से बादल ने कहा कि वे 'विभाजनकारी राजनीति न करें और राज्य में भाईचारे को नष्ट करने के मकसद के साथ आग से न खेलें।'
उन्होंने कहा कि सद्भावना रैलियों में सोमवार की यह पहली रैली है। इसका मकसद 10 नवंबर को 'कुछ पंजाब विरोधी और पंथ विरोधी शक्तियों द्वारा कांग्रेस के सहयोग से कुछ मासूम लोगों की धार्मिक भावनाओं से खेलने के खिलाफ लोगों में विश्वास पैदा करना है।'
वहीं उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने कांग्रेस को चुनौती दी कि वह इसी जगह पर रैली कर ले और देखे कि उसकी रैली में कितने लोग आते हैं। चरमपंथी नेताओं ने सोमवार को पंजाब बंद का आह्वान किया था जिसका कोई असर नहीं देखा गया।
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