
फाइल फोटो
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शिकायतकर्ता के मुताबिक फ्लाइट में बासी भोजन परोसा गया
चावल के कटोरे में एक बाल भी गिरा हुआ था
राज्य आयोग के आदेश को एयर इंडिया ने चुनौती दी थी
राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने एयरलाइन द्वारा साल 2015 में दाखिल की गई पुनर्विचार याचिका को खारिज करते हुए कहा, ''सेवा में कमी की प्रकृति'' इस तरह की है जिससे कई यात्रियों की सेहत को नुकसान पहुंच सकता था.
न्यायाधीश अजीत भरीहोक की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा,''सेवा में कमी की प्रकृति और इस तथ्य के मद्देनजर कि इससे कई यात्रियों की सेहत को नुकसान पहुंच सकता था, हमें राज्य स्तरीय आयोग का मुआवजे को बढ़ाकर एक लाख रुपये करने का आदेश गलत नहीं लगता है.'' महाराष्ट्र राज्य उपभोक्ता आयोग ने मुआवजे को 15,000 रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दिया था.
शिकायतकर्ता मालती मधुकर फहाड़े ने दावा किया था कि मुंबई से न्यूयॉर्क विमान में उन्हें बासी भोजन दिया गया था. इसके अलावा उनके चावल के कटोरे में एक बाल भी गिरा हुआ था. राज्य आयोग के आदेश को एयर इंडिया ने चुनौती दी थी.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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एयर इंडिया, राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग, Air India, National Consumer Disputes Redressal Commission (NCDRC)