वायुसेना ने थमाया 500 करोड़ का बिल, कश्मीर की राजनीति में आया भूचाल

वायुसेना ने थमाया 500 करोड़ का बिल, कश्मीर की राजनीति में आया भूचाल

फाइल फोटो

नई दिल्ली:

कश्मीर में आई बाढ़ के दौरान सेना के राहत और बचाव अभियान की जमकर तारीफ हुई। पिछले साल आई बाढ़ में लाखों बेघर और तबाह हो गए। उस दौरान वायुसेना के हेलीकाप्टरों ने जान पर खेलकर लोगों तक दवाइयां और खाने की सामग्री पहुंचाई। इन सबके बावजूद, जब वायुसेना ने राहत और बचाव सामग्री के एवज में 500 करोड़ का बिल थमाया तो जैसे कश्मीर की राजनीति में भूचाल आ गया।

सतारुढ़ पीडीपी से लेकर नेशनल कांफ्रेस तक में केन्द्र और रक्षा मंत्रालय की आलोचना करने की होड़ लग गई। आरोप लगाया गया कि केन्द्र सरकार और वायुसेना इतनी असंवेदनशील कैसे हो सकती है। हालांकि, ये रकम किसी को अपनी जेब से नहीं देनी पड़ी है बल्कि केन्द्र ने जो राज्य को 1600 करोड़ की मदद भेजी थी, उसी में ये रकम काट ली गई।

पिछले साल सिंतबर में कश्मीर में आई बाढ़ के दौरान वायुसेना के हेलीकाप्टर ने 1875 दफा उड़ानें भरी और 785 घंटे की उड़ान भरी गई। इतना ही नहीं ट्रांसपोर्ट विमान ने 1051 फेरे लगाकर 1504 घंटे उड़ान भरी। वायुसेना का कहना है कि सेना को छोड़कर किसी भी अन्य एजेंसी के लिए अगर उसके संसाधन का इस्तेमाल होता है, तो बिल तैयार होता ही है।  

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अगर ऐसा ना हो तो ऑडिट में दिक्कत आ जाती है। ज्यादातर मामलों में होता यह है कि या तो ये बिल माफ हो जाता है या फिर राज्य या केन्द्र सरकार इसका भुगतान करती है। यही नहीं कि उत्तराखंड में आई आपदा के दौरान भी वायुसेना ने करीब 450 करोड़ का बिल उत्तराखंड सरकार को दिया था।