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This Article is From Jun 24, 2019

एएन-32 विमान पहाड़ी इलाकों में उड़ान भरना जारी रखेगा, क्योंकि हमारे पास कोई विकल्प नहीं है : वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ

अरुणाचल प्रदेश में वायुसेना के एएन-32 विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने की हालिया घटना को लेकर पूछे गये सवाल पर धनोआ ने कहा, ‘‘एएन-32 विमान पहाड़ी इलाकों में उड़ान भरना जारी रखेगा, क्योंकि इस विमान का हमारे पास कोई विकल्प नहीं है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमलोग अधिक उन्नत विमान हासिल करने की प्रक्रिया में हैं,

एएन-32 विमान पहाड़ी इलाकों में उड़ान भरना जारी रखेगा, क्योंकि हमारे पास कोई विकल्प नहीं है : वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ
एयर फोर्स चीफ बीएस धनोआ ने कारगिल दिवस के मौके पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की है
नई दिल्ली:

वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ  ने सोमवार को कहा कि करगिल युद्ध के दौरान टारगेटिंग पॉड्स के एकीकरण और मिराज 2000 विमानों के लिये लेजर-निर्देशित बम प्रणाली तैयार करने का काम रिकॉर्ड 12 दिनों में किया गया था.  करगिल युद्ध के 20 साल पूरा होने के अवसर पर ग्वालियर वायुसैनिक अड्डे पर आयोजित एक कार्यक्रम में धनोआ ने ये बातें कहीं. वायुसेना प्रमुख ने कहा, ‘‘मिराज 2000 में बदलाव की प्रक्रिया जारी थी, जिसे शीघ्र ही कर लिया गया और फिर इस प्रणाली को करगिल युद्ध में लाया गया.'' वायुसेना प्रमुख ने कहा, ‘‘लाइटनिंग टारगेटिंग पॉड और लेजर गाइडेड बम प्रणाली को रिकॉर्ड 12 दिन के भीतर पूरा कर लिया गया.''उन्होंने कहा कि मिराज 2000 जेट विमानों और थल सेना को वायुसेना के सहयोग ने 1999 के युद्ध का रुख ही पलट दिया.    

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धनोआ ने बालाकोट पर कहा, ‘‘पाकिस्तान हमारे हवाई क्षेत्र में दाखिल नहीं हो पाया, हमने उसके आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया जबकि वह हमारे सैन्य अड्डों का निशाना बनाने में नाकाम रहा.'' उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने अपना एयर स्पेस बंद कर रखा है तो यह उनकी समस्या है, हमारी अर्थव्यवस्था बड़ी है हमारे लिए एयर ट्रैफिक मायने रखता है.

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अरुणाचल प्रदेश में वायुसेना के एएन-32 विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने की हालिया घटना को लेकर पूछे गये सवाल पर धनोआ ने कहा, ‘‘एएन-32 विमान पहाड़ी इलाकों में उड़ान भरना जारी रखेगा, क्योंकि इस विमान का हमारे पास कोई विकल्प नहीं है.'' उन्होंने कहा, ‘‘हमलोग अधिक उन्नत विमान हासिल करने की प्रक्रिया में हैं, जिनके मिलते ही एएन-32 को हटाकर उन्नत विमानों को महत्वपूर्ण भूमिका में लगाया जायेगा. एएन-32 विमानों का इस्तेमाल इसके बाद परिवहन और प्रशिक्षण उद्देश्य से किया जायेगा.'' अरुणाचल प्रदेश के पर्वतीय इलाकों में स्थित घने जंगलों में इस महीने एक एएन-32 विमान के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से उसमें सवार सभी 13 सैन्यकर्मियों की मौत हो गयी थी.

हमारा मकसद मरने वालों की गिनती करना नहीं होता- IAF चीफ​

इनपुट : भाषा

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