लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर उतरा लड़ाकू विमान (फाइल फोटो).
नई दिल्ली:
लखनऊ को आगरा से जोड़ने वाले लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे पर आज वायुसेना के 15 लड़ाकू और दो परिवहन विमान टच डाउन करेंगे. वायुसेना का अभ्यास सुबह 10 बजे शुरू होगा और दोपहर 12 बजे तक चलेगा. सुरक्षा वजहों से इस हाइवे पर दोपहर दो बजे तक यातायात बंद रहेगा.
उत्तरप्रदेश में इस तरह का अभ्यास तीसरी बार हो रहा है. पहली बार 2015 में मथुरा के पास यमुना एक्सप्रेस पर भी वायुसेना के लड़ाकू विमान मिराज 2000 टच डाउन करके उड़े थे. पिछले साल नंवबर में तो इस एक्सप्रेस वे का उद्घाटन ही लड़ाकू विमानों के टच डाउन से हुआ था. पिछली बार तीन सुखोई और तीन मिराज विमानों ने टच डाउन किया था. इस बार इस जगह पर वायुसेना बड़ा अभ्यास करने जा रही है. इस बार विमानों की तादाद बढ़ाकर 15 कर दी गई है. इस बार स्पेशल ऑपरेशन के लिए बने परिवहन विमान भी उतरेंगे और फिर उड़ान भरेंगे.
यह भी पढ़ें : आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे का हुआ उद्घाटन, वायुसेना ने उतारा जेट विमान
टच डाउन का मतलब है विमान का जमीन को छूकर वापस उड़ जाना. लखनऊ से करीब 70 किलोमीटर उन्नाव के पास वांगरमऊ में हाईवे पर यह अभ्यास होने जा रहा है. पिछले साल भी इसी जगह पर अभ्यास हुआ था. इसकी वजह इस जगह पर करीब चार किलोमीटर का हाईवे रनवे जैसा ही तकनीकी तौर पर मजबूत और सॉलिड होना है. किसी और जगह पर लड़ाकू या परिवहन विमान टच डाउन नहीं कर सकते हैं.
इस अभ्यास का मकसद इमरजेंसी हालात के लिए तैयारी है. ऐसे मौकों पर जब रनवे पर विमान न उतर सकें, तो ऐसी जगहों पर लड़ाकू विमानों को आसानी से उतारा जा सके.
अभ्यास की शुरुआत सुबह 10 बजे होगी. सबसे पहले अमेरिका से लिया गया वायुसेना का परिवहन विमान सी 130 एक्सप्रेस वे पर लैंड करेगा. यह एक ऐसा विमान है जो बहुत छोटे रनवे और कच्चे रनवे पर भी उतर सकता है. परिवहन विमान से कमांडो गरुड़ भी उतरेंगे. इसके बाद दुश्मन के खेमे में नीचे तक घुसकर मार करने वाले तीन जगुआर टच डाउन करेंगे. इसके बाद बारी आएगी तीन मिराज 2000 की. वे भी टच डाउन करके टेक ऑफ करेंगे. इसके बाद तीन मिराज ऐसा ही कारनामा करेंगे. मिराज 2000 के बाद वायुसेना का अंग्रिम पंक्ति के लड़ाकू विमान तीन सुखोई टच डाउन करेंगे. फिर तीन और सुखोई जमीन छूकर निकल जाएंगे. अंत में फिर सी 130 आएगा और उसमें सवार होकर वायुसेना के कमांडो गरुड़ निकल जाएंगे.
VIDEO : लड़ाकू विमानों ने किया टच डाउन
वायुसेना की योजना है कि अब देश में जहां कही भी ऐसे एक्सप्रेस वे बनें उसमें रनवे भी बने ताकि जरूरत पड़ने पर वायुसेना के विमान उतर सकें. फिलहाल देशभर मे ऐसे 12 हाईवे बनाए जा रहे है जहां जरूरत पड़ने पर विमानों की लैडिंग कराई जा सकती है. खासकर जंग जैसे आपात हालात में जब एयरबेस का इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं तो ऐसे रनवे का बखूबी इस्तेमाल रणनीतिक तौर पर किया जा सकता है.
उत्तरप्रदेश में इस तरह का अभ्यास तीसरी बार हो रहा है. पहली बार 2015 में मथुरा के पास यमुना एक्सप्रेस पर भी वायुसेना के लड़ाकू विमान मिराज 2000 टच डाउन करके उड़े थे. पिछले साल नंवबर में तो इस एक्सप्रेस वे का उद्घाटन ही लड़ाकू विमानों के टच डाउन से हुआ था. पिछली बार तीन सुखोई और तीन मिराज विमानों ने टच डाउन किया था. इस बार इस जगह पर वायुसेना बड़ा अभ्यास करने जा रही है. इस बार विमानों की तादाद बढ़ाकर 15 कर दी गई है. इस बार स्पेशल ऑपरेशन के लिए बने परिवहन विमान भी उतरेंगे और फिर उड़ान भरेंगे.
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टच डाउन का मतलब है विमान का जमीन को छूकर वापस उड़ जाना. लखनऊ से करीब 70 किलोमीटर उन्नाव के पास वांगरमऊ में हाईवे पर यह अभ्यास होने जा रहा है. पिछले साल भी इसी जगह पर अभ्यास हुआ था. इसकी वजह इस जगह पर करीब चार किलोमीटर का हाईवे रनवे जैसा ही तकनीकी तौर पर मजबूत और सॉलिड होना है. किसी और जगह पर लड़ाकू या परिवहन विमान टच डाउन नहीं कर सकते हैं.
इस अभ्यास का मकसद इमरजेंसी हालात के लिए तैयारी है. ऐसे मौकों पर जब रनवे पर विमान न उतर सकें, तो ऐसी जगहों पर लड़ाकू विमानों को आसानी से उतारा जा सके.
अभ्यास की शुरुआत सुबह 10 बजे होगी. सबसे पहले अमेरिका से लिया गया वायुसेना का परिवहन विमान सी 130 एक्सप्रेस वे पर लैंड करेगा. यह एक ऐसा विमान है जो बहुत छोटे रनवे और कच्चे रनवे पर भी उतर सकता है. परिवहन विमान से कमांडो गरुड़ भी उतरेंगे. इसके बाद दुश्मन के खेमे में नीचे तक घुसकर मार करने वाले तीन जगुआर टच डाउन करेंगे. इसके बाद बारी आएगी तीन मिराज 2000 की. वे भी टच डाउन करके टेक ऑफ करेंगे. इसके बाद तीन मिराज ऐसा ही कारनामा करेंगे. मिराज 2000 के बाद वायुसेना का अंग्रिम पंक्ति के लड़ाकू विमान तीन सुखोई टच डाउन करेंगे. फिर तीन और सुखोई जमीन छूकर निकल जाएंगे. अंत में फिर सी 130 आएगा और उसमें सवार होकर वायुसेना के कमांडो गरुड़ निकल जाएंगे.
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वायुसेना की योजना है कि अब देश में जहां कही भी ऐसे एक्सप्रेस वे बनें उसमें रनवे भी बने ताकि जरूरत पड़ने पर वायुसेना के विमान उतर सकें. फिलहाल देशभर मे ऐसे 12 हाईवे बनाए जा रहे है जहां जरूरत पड़ने पर विमानों की लैडिंग कराई जा सकती है. खासकर जंग जैसे आपात हालात में जब एयरबेस का इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं तो ऐसे रनवे का बखूबी इस्तेमाल रणनीतिक तौर पर किया जा सकता है.
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