नागरिकता कानून और NRC को लेकर देश भर में विवाद कम नहीं हो रहा है. गृहमंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को ओडिशा में एक सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस, सपा, बसपा सहित सभी विपक्षी दलों पर झूठ बोलने का आरोप लगाया. अमित शाह के बयान पर अब ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर तंज कसा है. उन्होंने कहा है, "आप क्यों झूठ बोल रहे हैं सर? राष्ट्र को बताएं कि असम में 5 लाख मुस्लिम जिनका नाम NRC में नहीं आया है, उन्हें भी 13 लाख गैर मुस्लिमों के साथ नागरिकता दी जाएगी जिसे भाजपा ने सीएए के तहत नागरिकता देने का वादा किया था. पहले राष्ट्रव्यापी NPR/NRC करवाइए फिर CAA का उपयोग करिए, यही तो क्रोनोलॉजी है.'
Why are you lying sir @AmitShah tell the Nation that 5 lakh Muslims in Assam whose names have not come in NRC will also be given Citizenship with 13 lakh Non Muslims which BJP promised to give under CAA
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) February 28, 2020
Nationwide NPR /NRC then use CAA this is Chronology https://t.co/BoXQAb7OOJ
गौरतलब है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में एक सभा को संबोधित करते हुए विपक्ष पर जमकर हमला बोला था. अमित शाह ने CAA के मुद्दे पर देश भर में चल रहे विरोध पर विपक्षी दलों को आड़े-हाथों लेते हुए कहा था, "कांग्रेस, ममता दीदी, सपा, बसपा ये सारे लोग CAA का विरोध कर रहे हैं. ये कह रहे हैं कि इससे अल्पसंख्यकों के नागरिक अधिकार चले जाएंगे... अरे इतना झूठ क्यों बोलते हो? मैं आज फिर से यहां कहना चाहता हूं कि CAA से देश के एक भी मुसलमान, एक भी अल्पसंख्यक का नागरिकता अधिकार नहीं जाने वाला है. CAA नागरिकता लेने का कानून है ही नहीं, बल्कि नागरिकता देने का कानून है"
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बता दें कि सीएए के मुद्दे पर असदुद्दीन ओवैसी लगातार सरकार पर हमलावर रहे हैं. हाल ही में उन्होंने प्रधानमत्री पर NRC के मुद्दे पर एक बार फिर झूठ बोलने का आरोप लगाया था. एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने असम की जाबेदा बेगम के मामले का जिक्र करते हुए कहा था, "गुवाहाटी हाईकोर्ट का एक केस है. हमारी एक बहन ने कोर्ट को 15 कागज दिखाए लेकिन उसे भारत का नागरिक नहीं माना गया. अब और कितने कागज आपको चाहिए? उसने अपनी तरफ से जमीन का कागज दिया, 1966 के वोटर लिस्ट में अपने पिता के नाम होने का सबूत दिया, उसके मां-बाप और उसके भाई का नाम 2015 के वोटर लिस्ट में था. लेकिन कोर्ट ने नहीं माना. ग्राम प्रधान ने भी लिख कर दिया की जाबेदा बेगम की शादी हुई है. इसलिए मैं कहता हूं यह मामला कागज का नहीं है. अब उन्हें डिटेंशन सेंटर में जाना होगा. वो सुप्रीम कोर्ट पहुंची है. मैं कहता हूं अगर NPR हो गया तो NRC हो जाएगा. NRC के मामले में प्रधानमंत्री ने फिर से झूठ बोला है."
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