प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:
सरकार ने मंगलवार को बताया कि मरीजों की परेशानियों को देखते हुए दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की क्षमता दो साल में दोगुनी की जाएगी तथा राज्यों में स्थित एम्स की गुणवत्ता को भी दिल्ली जैसा करने का प्रयास किया जाएगा।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा ने राज्यसभा में पूरक सवालों के जवाब में बताया कि मरीजों की परेशानियों को देखते हुए सरकार चिकित्सा क्षेत्र में सुधार के भरपूर प्रयास कर रही है और इस कड़ी में दिल्ली स्थित एम्स की क्षमता दो साल में दुगनी की जाएगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली एम्स के बैडों की संख्या दुगनी की जाएगी।
राज्यों में स्थित एम्स की गुणवत्ता भी दिल्ली जैसी करने के प्रयास
उन्होंने कहा कि राज्यों में स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थानों की गुणवत्ता भी दिल्ली जैसी करने के प्रयास किए जा रहे हैं। मंत्री ने कहा कि सरकार चिकित्सा क्षेत्र में सुधार के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि मरीजों की संख्या के बोझ के मामले में सफदरजंग और राम मनोहर लोहिया जैसे अस्पतालों की स्थिति भी एम्स जैसी ही है और सरकार बोझ तथा गुणवत्ता को संतुलित करने के प्रयास कर रही है।
तीन हजार जन औषधि केंद्र में मिलेंगी जेनरिक दवाएं
उन्होंने कहा कि निजी अस्पतालों की मनमानी पर नियंत्रण रखने के लिए राज्यों को केंद्र के क्लीनिकल प्रतिष्ठान कानून को अनुमोदित करना होगा। उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों ने यह काम कर दिया गया है। मंत्री ने कहा कि सरकार लोगों की सुविधा के लिए स्वास्थ्य बीमा और स्वास्थ्य आश्वासन पर जोर दे रही है। उन्होंने कहा कि तीन हजार जन औषधि केंद्र बनाने का प्रस्ताव है जहां जेनरिक दवाएं मिलेंगी।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा ने राज्यसभा में पूरक सवालों के जवाब में बताया कि मरीजों की परेशानियों को देखते हुए सरकार चिकित्सा क्षेत्र में सुधार के भरपूर प्रयास कर रही है और इस कड़ी में दिल्ली स्थित एम्स की क्षमता दो साल में दुगनी की जाएगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली एम्स के बैडों की संख्या दुगनी की जाएगी।
राज्यों में स्थित एम्स की गुणवत्ता भी दिल्ली जैसी करने के प्रयास
उन्होंने कहा कि राज्यों में स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थानों की गुणवत्ता भी दिल्ली जैसी करने के प्रयास किए जा रहे हैं। मंत्री ने कहा कि सरकार चिकित्सा क्षेत्र में सुधार के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि मरीजों की संख्या के बोझ के मामले में सफदरजंग और राम मनोहर लोहिया जैसे अस्पतालों की स्थिति भी एम्स जैसी ही है और सरकार बोझ तथा गुणवत्ता को संतुलित करने के प्रयास कर रही है।
तीन हजार जन औषधि केंद्र में मिलेंगी जेनरिक दवाएं
उन्होंने कहा कि निजी अस्पतालों की मनमानी पर नियंत्रण रखने के लिए राज्यों को केंद्र के क्लीनिकल प्रतिष्ठान कानून को अनुमोदित करना होगा। उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों ने यह काम कर दिया गया है। मंत्री ने कहा कि सरकार लोगों की सुविधा के लिए स्वास्थ्य बीमा और स्वास्थ्य आश्वासन पर जोर दे रही है। उन्होंने कहा कि तीन हजार जन औषधि केंद्र बनाने का प्रस्ताव है जहां जेनरिक दवाएं मिलेंगी।
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