यह ख़बर 12 सितंबर, 2013 को प्रकाशित हुई थी

अगस्ता मामले में सीबीआई को इटली से मिले नए दस्तावेज

खास बातें

  • सीबीआई को बहुचर्चित अगस्तावेस्टलैंड हेलीकाप्टर रिश्वत मामले में इतालवी अधिकारियों से नए दस्तावेज प्राप्त हुए हैं। इस मामले में वायुसेना के पूर्व प्रमुख एसपी त्यागी भी आरोपी हैं और सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है।
नई दिल्ली:

सीबीआई को बहुचर्चित अगस्तावेस्टलैंड हेलीकाप्टर रिश्वत मामले में इतालवी अधिकारियों से नए दस्तावेज प्राप्त हुए हैं। इस मामले में वायुसेना के पूर्व प्रमुख एसपी त्यागी भी आरोपी हैं और सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है।

सूत्रों ने कहा कि बिचौलियों के बीच फोन पर हुयी बातचीत का पूरा ब्यौरा भी मामले की अगली सुनवाई के दौरान सीबीआई को मिलने की संभावना है। फोन पर हुयी बातचीत इतालवी एजेंसियों ने रिकॉर्ड की थी। अगली सुनवाई 17 सितंबर को मिलान में होनी है।

नए दस्तावेजों की सामग्री का खुलासा किए बिना सूत्रों ने कहा कि एजेंसी उनका अध्ययन करेगी और देखेगी कि उन दस्तावेजों से किस प्रकार एजेंसी का मामला मजबूत बन सकता है।

सूत्रों ने बताया कि सीबीआई को पैसे के लेनदेन से संबंधित 40 हजार दस्तावेजों का सेट पहले ही इतालवी अदालत से मिल चुका है। यूरोपीय देश में चल रहे मामले में रक्षा मंत्रालय के पक्ष बनने के बाद ये दस्तावेज सीबीआई को मिले।

सूत्रों ने कहा कि एजेंसी को फोन पर हुयी बातचीत का पूरा ब्यौरा मिलने की प्रतीक्षा की जा रही है और उन रिकाडरें के हासिल कर लेने के बाद सीबीआई आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र तैयार करने की शुरूआत के पहले त्यागी तथा अन्य आरोपियों से फिर पूछताछ कर सकती है।

भारत में जांच कर रही सीबीआई ने रिश्वत मामले से जुड़ी प्राथमिकी में त्यागी और यूरोपीय नागरिक कालरे जेरोसा, क्रिस्टियन मिशेल और जी हशके सहित 13 लोगों को आरोपी बनाया है। इतालवी एजेंसियों ने सौदा हासिल करने के लिए भारतीय बिचौलियों को रिश्वत देने के आरोप में अगस्तावेस्टलैंड के तत्कालीन सीईओ जी ओरसी को गिरफ्तार किया है।

अगस्तावेस्टलैंड से 12 वीवीआईपी हेलीकाप्टरों की आपूर्ति का मामला उस समय जांच के दायरे में आया था जब इतालवी अधिकारियों ने आरोप लगाया था कि करार हासिल करने के लिए कंपनी ने रिश्वत दी थी।

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मामले में प्रारंभिक जांच करने वाली इतालवी अभियोजक ने आरोप लगाया है कि ब्रिटेन की अगस्तावेस्टलैंड की मूल कंपनी फिनमेकानिका के सीईओ ने भारत में भारतीय अधिकारियों को रिश्वत देने के लिए बिचौलियों की सेवा ली थी।