विज्ञापन
This Article is From Nov 30, 2020

केंद्र सरकार ने जारी किए MSP और कृषि से संबंधित आंकड़े, मोदी सरकार के किसान हितैषी होने का दावा..

मंत्रालय की ओर से यह आंकड़े ऐसे समय आए हैं जब कृषि कानूनों के विरोध में देश के किसान आंदोलनरत हैं. इन आंकड़ों के जरिये केंद्र सरकार ने यह जताने की कोशिश की है कि देश के 'अन्‍नदाताओं' की उसे चिंता है

केंद्र सरकार ने जारी किए MSP और कृषि से संबंधित आंकड़े, मोदी सरकार के किसान हितैषी होने का  दावा..
नई दिल्ली:

कृषि मंत्रालय (Agriculture Ministry ) ने नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi Government's tenure) के कार्यकाल के दौरान न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य (MSP) के कृषि विकास दर (Agricultural growth) और कृषि से संबंधित आधिकारिक आंकड़े जारी किए हैं. मंत्रालय की ओर से यह आंकड़े ऐसे समय आए हैं जब कृषि कानूनों के विरोध में देश के किसान आंदोलनरत हैं. इन आंकड़ों के जरिये केंद्र सरकार ने यह जताने की कोशिश की है कि देश के 'अन्‍नदाताओं' की उसे चिंता है और उसने देश में कृषि और किसानों के हित में काफी कुछ किया है. आंकड़ों में बताया गया है कि वर्ष 2009 से 2014 के यूपीए के शासनकाल के दौरान किसानों को दालों (Pulses) लिए MSP के तौर पर 645 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान किया गया जबकि 2015 से 2020 के एनडीए यानी पीएम नरेंद्र मोदी के कार्यकाल के दौरान यह भुगतान 49, 000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया.

4dap69b
ripbiuhg

किसान आंदोलन : दिल्ली ब्लॉक करने की किसानों की धमकी के बाद अमित शाह की बैठक

यह भी दावा किया गया है कि मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान 75 गुना अधिक भुगतान‍ किसानों को किया गया.इसी क्रम में तिलहन (oilseed) और नारियल (Kopra) के लिए  2009 से 2014 के दौरान (यूपीए सरकार) 2460 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान किया गया जबकि 2015 से 2020 में यह राशि 25000 करोड़ रुपये रहे. सरकार के अनुसार, एनडीए के कार्यकाल के दौरान यह राशि 10 गुना बढ़ी. यह भी दावा किया गया है कि पीएम नरेंद्र मोदी के कार्यकाल के दौरान कृषि बजट में भी काफी इजाफा किया गया. वर्ष 2009-2010 में कृषि क्षेत्र में बजट के लिए 12 हजार करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान था जो 2020-21 में बढ़कर एक लाख 34 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच गई.

l96fn9to
hp6g9gog

प्रधानमंत्री को लेकर किए ट्वीट पर 'कन्फ्यूज़न' के बाद कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने दी सफाई

केंद्र सरकार के अनुसार, उसके कार्यकाल के दौरान न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य की राशि में भी काफी इजाफा हुआ. वर्ष 2013-14 के दौरान मसूर का न्‍यूतम समर्थन मूल्‍य 2959 रुपये प्रति क्विंटल था जो वर्ष 2020-2021 के दौरान 5100 रुपये प्रति क्विंटल (73% इजाफा) तक पहुंच गया था.इसी क्रम में वर्ष 2013-14 में उड़द का न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य 4300 रुपये प्रति क्विंटल था जो 2020-21 में 6000 रुपये प्रति क्विंटल पहुंच गया. धनराशि मे यह वृद्धि करीब 40 फीसदी की है.

किसानों की जीत, दिल्ली में विरोध प्रदर्शन की इजाजत

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com