नई दिल्ली:
सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश ने गांधीवादी अन्ना हजारे के प्रमुख सहयोगी अरविंद केजरीवाल पर गैर सरकारी संगठन इंडिया अंगेस्ट करप्शन (आईएसी) से सम्बंधित 70 से 80 लाख रुपये गलत तरीके से निकालने का आरोप लगाया है। अग्निवेश का आरोप है कि केजरीवाल ने यह राशि अपने निजी ट्रस्ट में जमा की। वहीं, केजरीवाल ने अग्निवेश से आरोपों के साक्ष्य प्रस्तुत करने की मांग की है। ज्ञात हो कि आईएसी की अगुवाई वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे करते हैं। अग्निवेश ने कहा, "अगस्त महीने में रामलीला मैदान में अन्ना हजारे के 12 दिनों के अनशन के दौरान करीब 70 से 80 लाख रुपये दान के रूप में प्राप्त हुए और इस राशि को केजरीवाल ने अपने निजी ट्रस्ट में जमा करा लिया। यह दुखद बात है कि जो आंदोलन भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के लिए शुरू हुआ वह भ्रष्ट गतिविधियों में संलिप्त हो गया।" अग्निवेश ने दावा किया कि मैगसेसे पुरस्कार विजेता अपने खातों को सार्वजनिक करने से इनकार कर रहे हैं। आईएसी के संस्थापकों में से एक अग्निवेश के मुताबिक केजरीवाल ने आईएसी के नाम से खाता खोलने में देरी की जबकि कोर समिति ने आईएसी के नाम से खाता खोलने के कई बार निर्देश दिए। उन्होंने कहा, "केजरीवाल ने आईएसी के नाम से खाता खोलने की बजाय भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन में प्राप्त दान को अपने निजी ट्रस्ट पब्लिस कॉज रिसर्च फाउंडेशन में जमा कराया।" अग्निवेश ने कहा, "इससे आंदोलन से उम्मीद लगाए करोड़ों लोगों को धक्का लगा है।" वहीं, आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए केजरीवाल ने कहा, "क्या उन्होंने कोई साक्ष्य प्रस्तुत किया?" केजरीवाल ने एसएमएस के जरिए अपनी यह प्रतिक्रिया दी। उल्लेखनीय है कि कभी टीम अन्ना के प्रमुख सदस्य रहे अग्निवेश की तस्वीर अभी भी आईएसी की वेबसाइट पर दिखाई देती है, उन्हें अगस्त में टीम अन्ना से बाहर कर दिया गया। सरकार से उनकी कथित निकटता के चलते ऐसा कदम उठाया गया। अग्निवेश के मुताबिक हजारे ने सितम्बर में महाराष्ट्र के अपने गांव रालेगण सिद्धि में कोर समिति की एक बैठक की थी जिसमें उन्होंने कहा कि आंदोलन के दौरान प्राप्त दान को आईएसी के एक उचित खाते में जमा किया जाना चाहिए था। अग्निवेश ने कहा कि अन्ना हजारे ने केजरीवाल को खातों को एक निर्धारित तिथि तक सार्वजनिक करने का निर्देश दिया था लेकिन यह भी नहीं किया गया।