यह ख़बर 12 अगस्त, 2011 को प्रकाशित हुई थी

'अफजल को फांसी हुई तो परिणाम गम्भीर'

खास बातें

  • मीरवाइज उमर फारुक ने कहा कि यदि अफजल गुरु को फांसी दी गई, तो इससे भारत-पाकिस्तान शांति वार्ता पटरी से उतर जाएगी।
श्रीनगर:

जम्मू एवं कश्मीर के अलगाववादी संगठन हुर्रियत कांफ्रेंस के नरमपंथी धड़े के प्रमुख मीरवाइज उमर फारुक ने शुक्रवार को कहा कि यदि अफजल गुरु को फांसी दी गई, तो इससे भारत-पाकिस्तान शांति वार्ता पटरी से उतर जाएगी और इसका राज्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ेगा। श्रीनगर के ऐतिहासिक जामा मस्जिद में शुक्रवार की नमाज के बाद भीड़ को सम्बोधित करते हुए मीरवाइज ने कहा कि अगर यह कदम उठाया गया तो परिणामों की जिम्मेदारी पूरी तरह से भारत सरकार की होगी। मीरवाइज ने अफजल की फांसी के लिए भारत सरकार पर दबाव बनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की भी आलोचना की। संसद पर हमले के आरोपी अफजल गुरु की दया याचिका राष्ट्रपति द्वारा खारिज कर दी गई है। अफजल गुरु को 13 दिसम्बर 2001 में संसद भवन पर हुए हमले का दोषी पाए जाने के बाद 2002 में फांसी की सजा सुनाई गई थी। इसे 2003 में दिल्ली उच्च न्यायालय और 2004 में उच्चतम न्यायालय ने इसे अनुमोदित कर दिया था। अफजल की पत्नी द्वारा दया याचिका दायर करने के कारण फैसले का क्रियान्वयन रुका हुआ है।


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