पंकजा मुंडे
महाराष्ट्र में मराठवाड़ा के किसानों के लिए साल 2015 सबसे खराब साल रहा। यहां पिछले 12 महीनों में 1,109 किसानों ने आत्महत्या कर ली। अकेले इसी दिसंबर महीने में ही 112 किसानों ने हालात से हारकर मौत को गले लगा लिया।
इस साल 299 किसानों की आत्महत्याओं के साथ महाराष्ट्र का बीड़ जिला इस मामले में अव्वल रहा। दूसरे नंबर पर नांदेड़ जिले में सबसे ज्यादा 187 किसानों के हालात के आगे हार मानकर मौत को गले लगा लिया।
राज्य सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री का पद संभाल रही पंकजा मुंडे का कहना है कि बारिश के मामले में साल 2015 मराठवाड़ा के लिए पिछले एक दशक का सबसे खराब साल रहा है। उन्होंने कहा कि हालात को देखते हुए सरकार अब इजराइल में अपनाई जा रही सिंचाई व्यवस्था को लागू करने पर विचार कर रही है। इस व्यवस्था से इजराइल को काफी फायदा हुआ है।
उन्होंने कहा, इजराइल मरूभूमि पर बसा है, लेकिन वह 'पर ड्रॉप मोर क्रॉप' अवधारणा में एक उदाहरण है। इसलिए हम उसी व्यवस्था को मराठवाड़ा में भी अपना रहे हैं। उन्होंने कहा, मराठवाड़ा और विदर्भ में फसलों व सिंचाई का पूरा पैटर्न बदल जाएगा।
पंकजा मुंडे के पास जल संरक्षण की भी जिम्मेदारी है और उन्होंने कहा कि हम 'जलयुक्तशिवर' पर काम कर रहे हैं, जिसके तहत जल संरक्षण कर रहे हैं। इसका अगला कदम यह होगा कि इस पानी को ड्रिप सिंचाई के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा।
दूसरी ओर विपक्षी पार्टी कांग्रेस राज्य सरकार पर किसानों के लिए कुछ नहीं करने का इल्जाम लगाकर हमला कर रही है। कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत कहते हैं, 'हर बार हमें विभिन्न मंत्रियों के विभिन्न विचार और बयान सुनने को मिलते हैं। अब एक और विचार आया है और यह राज्य की बड़ी हाई-प्रोफाइल मंत्री की तरफ से आया है।'
सावंत ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि राज्य सरकार के 4000 करोड़ रुपये के आधिकारिक राहत पैकेज को केंद्र सरकार ने ठुकरा दिया है। उन्होंने कहा, 'मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि केंद्र सरकार में इनकी सुनने वाला कोई है ही नहीं, जबकि केंद्र और राज्य में एक ही पार्टी की सरकार है।'
कांग्रेस के इस हमले पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ट्वीट किए...
इस साल 299 किसानों की आत्महत्याओं के साथ महाराष्ट्र का बीड़ जिला इस मामले में अव्वल रहा। दूसरे नंबर पर नांदेड़ जिले में सबसे ज्यादा 187 किसानों के हालात के आगे हार मानकर मौत को गले लगा लिया।
राज्य सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री का पद संभाल रही पंकजा मुंडे का कहना है कि बारिश के मामले में साल 2015 मराठवाड़ा के लिए पिछले एक दशक का सबसे खराब साल रहा है। उन्होंने कहा कि हालात को देखते हुए सरकार अब इजराइल में अपनाई जा रही सिंचाई व्यवस्था को लागू करने पर विचार कर रही है। इस व्यवस्था से इजराइल को काफी फायदा हुआ है।
उन्होंने कहा, इजराइल मरूभूमि पर बसा है, लेकिन वह 'पर ड्रॉप मोर क्रॉप' अवधारणा में एक उदाहरण है। इसलिए हम उसी व्यवस्था को मराठवाड़ा में भी अपना रहे हैं। उन्होंने कहा, मराठवाड़ा और विदर्भ में फसलों व सिंचाई का पूरा पैटर्न बदल जाएगा।
पंकजा मुंडे के पास जल संरक्षण की भी जिम्मेदारी है और उन्होंने कहा कि हम 'जलयुक्तशिवर' पर काम कर रहे हैं, जिसके तहत जल संरक्षण कर रहे हैं। इसका अगला कदम यह होगा कि इस पानी को ड्रिप सिंचाई के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा।
दूसरी ओर विपक्षी पार्टी कांग्रेस राज्य सरकार पर किसानों के लिए कुछ नहीं करने का इल्जाम लगाकर हमला कर रही है। कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत कहते हैं, 'हर बार हमें विभिन्न मंत्रियों के विभिन्न विचार और बयान सुनने को मिलते हैं। अब एक और विचार आया है और यह राज्य की बड़ी हाई-प्रोफाइल मंत्री की तरफ से आया है।'
सावंत ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि राज्य सरकार के 4000 करोड़ रुपये के आधिकारिक राहत पैकेज को केंद्र सरकार ने ठुकरा दिया है। उन्होंने कहा, 'मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि केंद्र सरकार में इनकी सुनने वाला कोई है ही नहीं, जबकि केंद्र और राज्य में एक ही पार्टी की सरकार है।'
कांग्रेस के इस हमले पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ट्वीट किए...
Grateful to Government of India and Hon'ble @BJPRajnathSingh ji for approving ₹ 3049 crore assistance towards Maharashtra drought relief.
— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) December 29, 2015
It is biggest ever relief given by Central Govt to Maharashtra. Thank You Hon @narendramodi ji for the continuous care &support for farmers.
— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) December 29, 2015
There can't be a more befitting reply to those who've been doing only politics on drought instead of uniting for farmers in time of distress
— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) December 29, 2015
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