77 साल के वांग को 1962 के चीन-भारत युद्ध के बाद भारतीय क्षेत्र में घुसते हुए पकड़ा गया था. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
साल 1962 में चीन-भारत युद्ध के बाद रास्ता भटककर भारतीय क्षेत्र में दाखिल होने वाला चीनी सैनिक वांग भारत में 50 साल गुजारने के बाद शनिवार को बीजिंग पहुंचा, जहां से वह शांक्शी प्रांत स्थित अपने घर जाएगा. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने शनिवार दोपहर कहा, 'वांग की तथा उसका परिवार कुछ समय पहले ही बीजिंग पहुंचे हैं.'
उन्होंने कहा, 'एमएफए के अधिकारियों तथा शांक्शी प्रांत की सरकार ने उनकी अगवानी की.' स्वरूप ने कहा, 'हमारे दूतावास से सेकंड सेक्रेटरी थेलमा जॉन डेविड तथा सिद्धार्थ मलिक भी उनकी अगवानी करने के लिए वहां मौजूद थे. दोनों मिशनों के अधिकारी भी वांग की तथा उनके परिवार के साथ उनके घर तक की यात्रा कर रहे हैं.'
वांग साल 1960 में चीन सेना में शामिल हुआ था और 1962 की लड़ाई के तुरंत बाद रास्ता भटककर भारतीय सीमा में आ गया था. उसे इंडियन रेड क्रॉस ने 1963 में भारतीय सेना के हवाले कर दिया था, जिसके बाद 1969 में पंजाब उच्च न्यायालय द्वारा उसकी रिहाई के आदेश से पहले उसने असम, अजमेर व दिल्ली में जेल की सजा काटी.
वह अंत में मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले के तिरोदी में बस गया और एक भारतीय महिला से शादी कर ली. 77 साल के वांग भारत में 50 साल से अधिक समय गुजारने के बाद वापस अपने घर लौट गए.
इससे पहले शुक्रवार को वांग के पुत्र विष्णु ने बताया था कि भारत स्थित चीन के दूतावास के तीन अधिकारियों ने उनके पिता से एक घंटे से अधिक समय तक बात की थी. उन्होंने उन्हें चीन यात्रा में सभी संभव मदद का भरोसा दिया था. वांग अपनी पत्नी और तीन बच्चों के साथ बालाघाट जिले के तिरोड़ी क्षेत्र में रहते हैं.
(इनपुट एजेंसियों से भी)
उन्होंने कहा, 'एमएफए के अधिकारियों तथा शांक्शी प्रांत की सरकार ने उनकी अगवानी की.' स्वरूप ने कहा, 'हमारे दूतावास से सेकंड सेक्रेटरी थेलमा जॉन डेविड तथा सिद्धार्थ मलिक भी उनकी अगवानी करने के लिए वहां मौजूद थे. दोनों मिशनों के अधिकारी भी वांग की तथा उनके परिवार के साथ उनके घर तक की यात्रा कर रहे हैं.'
वांग साल 1960 में चीन सेना में शामिल हुआ था और 1962 की लड़ाई के तुरंत बाद रास्ता भटककर भारतीय सीमा में आ गया था. उसे इंडियन रेड क्रॉस ने 1963 में भारतीय सेना के हवाले कर दिया था, जिसके बाद 1969 में पंजाब उच्च न्यायालय द्वारा उसकी रिहाई के आदेश से पहले उसने असम, अजमेर व दिल्ली में जेल की सजा काटी.
वह अंत में मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले के तिरोदी में बस गया और एक भारतीय महिला से शादी कर ली. 77 साल के वांग भारत में 50 साल से अधिक समय गुजारने के बाद वापस अपने घर लौट गए.
इससे पहले शुक्रवार को वांग के पुत्र विष्णु ने बताया था कि भारत स्थित चीन के दूतावास के तीन अधिकारियों ने उनके पिता से एक घंटे से अधिक समय तक बात की थी. उन्होंने उन्हें चीन यात्रा में सभी संभव मदद का भरोसा दिया था. वांग अपनी पत्नी और तीन बच्चों के साथ बालाघाट जिले के तिरोड़ी क्षेत्र में रहते हैं.
(इनपुट एजेंसियों से भी)
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