
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वेदों का ज़िक्र क्या किया, नेता ही नहीं अफसर भी वेदों और पुराणों को पढ़ने में लगे हुए हैं। मंगलवार को खुफिया विभाग के एक समारोह में डीआरडीओ के सचिव और रक्षामंत्री के सुरक्षा मामलों के सलाहकार अविनाश चंद्र ने देशभर से आए हुए वरिष्ठ अधिकारियों से कहा की खुफिया जानकारी कैसे इकट्ठी करनी है यह उन्हें वेदों और पुराणों से सीखना चाहिए।
"ऋग्वेद और अथर्ववेद में इसका ज़िक्र है कि किस तरह अग्नि गुप्तचर बन कर आसमान से नीचे आए थे, "अविनाश चंद्र ने सुरक्षा मामलों से जुड़े सभी अफसरों से कहा, कौटिल्य के अर्थशास्त्र का पाठ भी उन्होंने सभी जानकारों को पढ़ाया और कहा कि अर्थशास्त्र में भी पांच तरह के जासूसों का ज़िक्र है। खुफिआ विभाग को लोगों के दमन के लिए नहीं, बल्कि सुशासन को बढ़ावा देने के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए।"
रक्षामंत्री के सलाहकार अविनाश चंद्र ने यह भी कहा कि उस समय एजेंट्स को राजा की आंख कहा जाता था। उन्होंने अफसरों को मत्स्य पुराण से भी उद्धरण दिया और कहा कि बृहस्पति का बेटा शुक्राचार्य भी भेजा गया था, संजीवनी मंत्र के बारे में जानकारी इकट्ठा करने के लिए महाभारत में भी गुप्तचरों का ज़िक्र है।
गुप्तचर विभाग अभी भी ऐसे ही काम करता है, लेकिन सिर्फ टेक्नोलॉजी बदली है आईबी, रॉ ऐआरसी और एनटीआरओ का ये ही काम है।
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि जेनेटिक साइंस भारत में प्राचीन काल से है। इसका उद्धरण महाभारत का कर्ण था क्योंकि वह अपनी माता की कोख से पैदा नहीं हुआ था। यही नहीं प्रधानमंत्री ने कहा था कि संकट विमोचन गणेशजी की प्लास्टिक सर्जरी हुई थी।
वैसे बैठक में इस पर विचार किया गया कि इंटरनेट को कैसे मॉनिटर किया जाए क्योंकि अभी सबसे ज्यादा जानकारी इंटरनेट, सोशल मीडिया और फ़ोन से हासिल की जाती है। साइबर सिक्योरिटी पर खास तवज्जो देने की ज़रूरत महसूस की गई।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं