समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोमवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी और बहुजन समाज पार्टी की एक ही चाहत समाजवादी पार्टी को हराना है. उन्होंने योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली राज्य सरकार और बसपा पर जमकर प्रहार किया. उन्नाव की पूर्व सांसद अनु टंडन को सोमवार को सपा में शामिल कराने के बाद अखिलेश यादव ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि ‘‘सांप्रदायिक'' भाजपा को रोकने के लिए 2019 में बसपा के साथ गठबंधन करना जरूरी था. अखिलेश ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि डॉक्टर राम मनोहर लोहिया और डॉक्टर भीम राव आंबेडकर की विचारधारा एक रथ के दो पहिए की तरह है, इसीलिए बसपा के साथ गठबंधन किया था.''
राज्य की सात विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को ''लिटमस टेस्ट'' बताते हुए अखिलेश ने कहा कि जनता भाजपा को सबक सिखाने के लिए समय का इंतजार कर रही है. मायावती ने सोमवार की सुबह मीडिया से बातचीत में आरोप लगाया, ‘‘ उप चुनाव में सपा और कांग्रेस हमारी पार्टी के खिलाफ साजिश में जुटी है और गलत ढंग से प्रचार कर रही है ताकि मुस्लिम समाज के लोग बसपा से अलग हो जाएं.'' मायावती ने यह भी कहा कि बसपा कभी भाजपा के साथ समझौता नहीं कर सकती है.
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पूर्व सांसद अनु टंडन ने हाल में प्रदेश नेतृत्व पर आरोप लगाते हुए कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था. इसके पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री सलीम शेरवानी और पूर्व बसपा सांसद त्रिभुवन दत्त समेत कई प्रमुख नेताओं ने समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की थी.
अखिलेश ने मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश में ऐसी सरकार नहीं होनी चाहिए जिसकी भाषा और शब्दों का चयन ठीक न हो. उन्होंने कहा, ‘‘सरकार चलाने वालों की भाषा ''ठोको'' है और सच यह है कि ठोको नीति वाले सरकार चला रहे हैं. सरकार के पास प्रदेश चलाने का विजन नहीं है.'' उन्होंने कहा कि सपा नेता आजम खान और मुनव्वर राना के खिलाफ सरकार के निर्देश पर अधिकारियों ने कार्रवाई की है, जो अनुचित है.
अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि भाजपा ने दलितों का बहुत नुकसान किया है. सरकार न विकास पर चर्चा करना चाहती है और न ही किसानों की बात करना चाहती है. कोरोना काल में लोगों को इलाज तक नहीं मिल रहा है. उन्होंने कहा कि भाजपा को रोकना है और इसके लिए सबको जोड़ने की जरूरत है.
इस मौके पर अनु टंडन ने कहा कि सपा प्रमुख ने जो विकास कार्य किया है वह एक कार्यकाल में संभव नहीं था. उन्होंने कहा, ‘‘सपा में आये हैं तो अखिलेश यादव को पुन: मुख्यमंत्री बनाना हमारा लक्ष्य है.'' उन्होंने कहा, ‘‘मैंने सोनिया गांधी और राहुल गांधी के साथ काम किया लेकिन 2019 के बाद स्थिति बदल गई.'' प्रियंका गांधी वाद्रा से नाराजगी के सवाल पर अनु ने कहा ‘‘मुझे उनके साथ काम करने का मौका नहीं मिला.''
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