विज्ञापन
This Article is From May 28, 2019

संकट में राजस्थान सरकार? राहुल से मिलने पहुंची प्रियंका गांधी, अशोक गहलोत और सचिन पायलट

राजस्थान में कांग्रेस सिर्फ़ 25 लोक सभा सीटें ही नहीं हारी है लेकिन 200 विधानसभा में 185 में  पीछे रही है. अगर गहलोत की सीट  सरदारपुर से वैभव 18000  के पिछड़े है तो टोंक में सचिन पायलट भी कांग्रेस के उम्मीदवार को 22000 की मात से नहीं बचा पाए. 

संकट में राजस्थान सरकार? राहुल से मिलने पहुंची प्रियंका गांधी, अशोक गहलोत और सचिन पायलट
राहुल गांधी ने आज शाम 4.30 बजे बैठक बुलाई है, उनसे मिलने प्रियंका, सचिन और गहलोत पहुंचे हैं
Quick Reads
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
मंत्री के इस्तीफे की अटकलें
सोशल मीडिया पर इस्तीफा
संकट में राजस्थान सरकार?
नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद अब कांग्रेस को अलग-अलग साइड इफेक्ट भी मिल रहे हैं. मध्य प्रदेश और कर्नाटक में सरकार बचा रही पार्टी के सामने अब राजस्थान सरकार में भी संकट में खड़ा होता दिखाई दे रहा है. सोशल मीडिया पर सीएम अशोक गहलोत के करीबी मंत्री का एक इस्तीफ़ा खूब शेयर किया जा रहा है. उनके इस्तीफ़े की अटकलें जारी हैं और वे अब लापता बताये जा रहे हैं. वहीं दो और मंत्रियो ने भी राजस्थान में हार के आकलन की बात कही है. इन सभी अटकलों के बीच राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला और प्रियंका गांधी मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के आवास पर उनसे मिलने पहुंचे. गौरतलब है कि राजस्थान में कांग्रेस की हार के बाद प्रदेश के नेतृत्व को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं. राहुल गांधी की ये टिप्पणी चर्चा में है कि वो नहीं चाहते थे कि वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं और मुख्यमंत्रियों के बेटे चुनाव लड़े. इस चुनाव में मध्य प्रदेश के सीएम कमलनाथ के बेटे नकुल और राजस्थान के सीएम अशोक के बेटे वैभव चुनाव मैदान में थे. जिसमें अशोक गहलोत अपने बेटे को जिता नहीं पाए. माना जा रहा है कि राहुल का इशारा इन्हीं दोनों पर था.

कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्‍तीफे पर अड़े राहुल गांधी पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओं से मिले, कहा- मेरा विकल्प ढूंढ़ लीजिए

अशोक गहलोत के बेटे वैभव  गहलोत जोधपुर से 2 लाख से ज़्यादा वोटों से चुनाव हार गए जबकि मुख्यमंत्री यहीं से विधायक हैं और पांच बार विधायक रह चुके हैं. वैभव अपने पिता के गृह क्षेत्र सरदारपुर से भी अठारह हज़ार वोटों से पिछड़ गए. पार्टी की हार के बाद समीक्षा के लिए बुलाई गई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में हिस्सा लेने दिल्ली आए अशोक गहलोत सफाई दे रहे हैं, 'यह पार्टी के अंदरूनी मामले होते हैं और राहुल गांधी जी को कहने का अधिकार है क्योंकि वह हमारे अध्यक्ष हैं. उनको सब अधिकार है कि किस नेता की कहां कमी रही कैंपेन के अंदर, किस नेता की कहां निर्णय में कमी रही वो ऐसे वक्त में जब पोस्टमार्टम हो रहा है तो स्वाभाविक है कि कांग्रेस प्रेसिडेंट का अधिकार है वह कमियां बताएंगे सबको, हम लोगों ने उस पर  चर्चा की है'.

लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस के सामने खड़े हो गए यह 6 बड़े संकट...

वहीं अशोक गहलोत सरकार में  मंत्री उदय लाल अंजाना की राय है कि वैभव को जोधपुर से नहीं पड़ोस के जालौर से चुनाव लड़ना चाहिए था. एक और दूसरे मंत्री रमेश मीणा का कहना है कि गहलोत नहीं पूरा प्रदेश नेतृत्व ज़िम्मेदारी ले. आपको बता दें कि  राजस्थान में कांग्रेस सिर्फ़ 25 लोक सभा सीटें ही नहीं हारी है लेकिन 200 विधानसभा में 185 में  पीछे रही है. अगर गहलोत की सीट  सरदारपुर से वैभव 18000  के पिछड़े है तो टोंक में सचिन पायलट भी कांग्रेस के उम्मीदवार को 22000 की मात से नहीं बचा पाए. 

गहलोत सरकार के मंत्री ने दिया इस्तीफा?

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com