कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic)के बीच बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद (Bollywood actor Sonu Sood) प्रवासी मजदूरों के सच्चे मददगार बनकर सामने आए थे. सोनू ने हाल ही में आंध्र प्रदेश के एक किसान की भी मदद करते हुए खेती के लिए ट्रैक्टर भी मुहैया कराया है. सोनू की इस मदद के बाद आंध्र के पूर्व सीएम एन. चंद्रबाबू नायडू (N Chandrababu Naidu) भी अपनी ओर से पहल करते हुए इस किसान की दोनों बेटियों की शिक्षा का खर्च वहन करने का ऐलान किया है. किसान की इन दोनों बेटियों का खेत जोतते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था. पूर्व सीएम नायडू ने ट्वीट किया, "@SonuSood जी के साथ की और चित्तूर जिले में नागेश्वर राव के परिवार के लिए एक ट्रैक्टर भेजने के उनके प्रेरक प्रयास की सराहना की. इस किसान की दोनों बेटियों के सपनों को पूरा करने के लिए मैंने उनकी शिक्षा का ख्याल रखने और मदद करने का फैसला किया है.'
Spoke with @SonuSood ji & applauded him for his inspiring effort to send a tractor to Nageswara Rao's family in Chittoor District. Moved by the plight of the family, I have decided to take care of the education of the two daughters and help them pursue their dreams pic.twitter.com/g2z7Ot9dl3
— N Chandrababu Naidu #StayHomeSaveLives (@ncbn) July 26, 2020
सोनू सूद फिर से साबित हुए सुपरहीरो, किर्गिस्तान में फंसे 1500 मेडिकल छात्रों को पहुंचाया घर
गौरतलब है कि बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद की ओर से शनिवार को आंध्र प्रदेश के किसान नागेश्वर राव के परिवार को मदद की घोषणा करने के बाद, गायत्री एजेंसी के एमडी द्वारा ट्रैक्टर किसान को सौंप दिया गया. परिवार ने इस मदद के लिए सोनू को धन्यवाद दिया था. इससे पहले, इस किसान की दोनों लड़कियों का खेत जोतने का वीडियो सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना था. लॉकडाउन के चलते किसान परिवार आर्थिक झटके झेलने के चलते इन बेटियों को ऐसा करने के लिए मजबूर होना पड़ा था.
सोनू सूद ने बेटे को पीठ पर चढ़ाकर लगाए पुश अप्स, Video देख हो जाएंगे हैरान
वेनेला और चंदना नाम की लड़कियों ने बैलगाड़ी का जुआ कंधों पर रखकर खेत की जुताई की थी क्योंकि परिवार ट्रैक्टर या बैलों का खर्च वहन करने की स्थिति में नहीं था. इन लड़कियों के पिता नागेश्वर राव पिछले 20 वर्षों से मदनपल्ले मंडल मेंचाय की दुकान चलाते थे. कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन के चलते इनकम का कोई स्रोत नहीं बचने के कारण उन्होंने परिवार के साथ खेती के लिए पैतृक गांव लौटने का फैसला किया है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं