केंद्र सरकार ने वित्तीय साल 2019-2020 में कर छूट और कटौती का लाभ छोड़ने वालों के लिए आयकर (Income Tax) की दरों में कटौती का ऐलान किया है लेकिन साथ ही यह संकेत भी दे दिया है कि आने वाले वर्षों में कर में टैक्स में छूट हासिल करना गुजरे जमाने की बात हो जाएगी. सरकार आने वाले समय में आयकर पर सभी किस्म की छूटें खत्म करने का इरादा रखती है. शनिवार को लोकसभा में बजट पेश करने के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कहा कि सरकार का इरादा दीर्घकाल में सभी प्रकार की छूट को समाप्त करना है.
वित्त मंत्री नर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने बजट में कर छूट और कटौती का लाभ छोड़ने वालों को आयकर (Income Tax) की दरों में कटौती की घोषणा के बाद सरकार की उक्त मंशा साफ कर दी. लोकसभा में अपना दूसरा बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि आयकर में कटौती से पहले पिछले साल सितंबर में कंपनी कर में कटौती की गई थी. सीतारमण ने कहा कि जब भी जरूरत होगी, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को अतिरिक्त धन उपलब्ध कराया जाएगा. हालांकि उनके बजट भाषण में इस अतिरिक्त पूंजी के बारे में कोई ठोस राशि का उल्लेख नहीं किया गया.
निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कहा कि राजस्व संग्रह में सुधार के मद्देनजर अगले वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 3.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया है जो चालू वित्त वर्ष में 3.8 प्रतिशत रह सकता है.
विनिवेश सचिव टीके पांडे ने कहा कि अगले कुछ माहों में बड़ी कंपनियों में हिस्सेदारी की बिक्री होगी. उन्होंने अगले वित्त वर्ष के लिए 2.10 लाख करोड़ रुपये का विनिवेश लक्ष्य हासिल करने का भरोसा जताया. उन्होंने कहा कि भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) में सरकार की हिस्सेदारी बेचे जाने के लिए रुचि पत्र जल्दी ही जारी किया जाएगा.
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(इनपुट भाषा से)
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