अफ्रीकी देशों ने आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए भारत की मदद मांगी

अफ्रीकी देशों ने आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए भारत की मदद मांगी

दक्षिण अफ्रीकी विदेश मंत्री मैती एन मशाबेन के साथ सुषमा स्वराज (चित्र साभार : @MEAIndia)

नई दिल्ली:

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की अफ्रीकी विदेश मंत्रियों के साथ बैठकों के दौरान तेल एवं गैस की खोज और स्वास्थ्य के अहम क्षेत्रों में भारत ने हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया, जबकि उनमें से कुछ मंत्रियों ने बोको हराम जैसे आतंकवादी संगठनों से लड़ने में मदद मांगी।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने बताया कि बैठकों के दौरान दोनों पक्षों ने शिक्षा, क्षमता निर्माण और खनन जैसे व्यापक क्षेत्रों में सहयोग पर भी चर्चा की। सुषमा ने लीबिया में आईएसआईएस द्वारा बंधक बनाए गए तीन भारतीयों की रिहाई के लिए अपने ट्यूनीशियाई समकक्ष से मदद मांगी। द्विपक्षीय बैठकों में दक्षिण अफ्रीका, जिम्बाब्वे, दक्षिण सूडान, मलावी, केन्या, कैमरून, केप वर्दे, कांगो और ट्यूनीशिया के विदेश मंत्रियों के साथ वार्ता शामिल है।

सुषमा के साथ अपनी बैठक में दक्षिण अफ्रीकी विदेश मंत्री मैती एन मशाबेन ने उन्हें बताया, 'सिर्फ हम दो देश ही महात्मा को साझा करते हैं।' स्वरूप ने बताया कि सुषमा ने दक्षिण सूडान में तेल खोज का मुद्दा भी उठाया, जो हाइड्रोकार्बन का एक भंडार है। ओएनजीसी दक्षिण सूडान में तेल की खोज में लगा हुआ है और चरमपंथ के चलते उसका कामकाज प्रभावित हो रहा है।

दक्षिण सूडान के विदेश मंत्री बी. मारियल बेंजामिन ने कृषि और पशुपालन में सहयोग के अलावा राजधानी जुबा में एक अस्पताल बनाने में मदद मांगी। कैमरून के विदेश मंत्री मबेला मबेला ने सुरक्षा में भारत की मदद मांगी, क्योंकि यह देश इस्लामी संगठन बोको हराम से खतरे का सामना कर रहा।

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स्वरूप ने बताया, 'कैमरून, मलावी और दक्षिण अफ्रीका ने शिक्षा क्षेत्र में भारत की मदद मांगी है। जिम्बाब्वे ने कीमती रत्नों के खनन में सहयोग मांगा।' सुषमा ने नौ विदेश मंत्रियों को क्षमता निर्माण सहित विभिन्न क्षेत्रों में मदद करने के प्रति भारत की प्रतिबद्धता का आश्वासन दिया। मलावी और लगभग सभी अन्य देशों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता की उम्मीदवारी का समर्थन किया।