अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद भारत सरकार ने अपने राजदूत और दूतावास के सभी कर्मचारियों की सुरक्षित वापसी कराई है. अफगानिस्तान में इन सभी लोगों को 36 घंटे से अधिक समय तक अपने मिशन परिसर पर बिताना पड़ा. तालिबान द्वारा भारतीय राजनयिकों को मंगलवार सुबह हवाई अड्डे तक पहुंचाया गया. यब तब मुनासिब हो सका जब विदेशी एजेंसियों ने इस मामले में हस्तक्षेप किया और आतंकवादी समूह से भारतीय मिशन के कर्मचारियों के लिए सुरक्षित मार्ग प्रदान करने का अनुरोध किया.
सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एनडीटीवी को बताया, "शुरुआती योजना सभी को एक साथ निकालने की थी. 16 अगस्त (सोमवार) को, 45 भारतीयों को लेकर एक काफिला हवाई अड्डे पर पहुंचने में कामयाब रहा, लेकिन अन्य दो काफिले को तालिबान ने वापस जाने के लिए कहा."
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उनके अनुसार, दूसरे काफिले में भारतीय राजनयिक समेत लगभग 80 भारतीय थे जिनकी देश वापसी में तालिबान ने रोक लगा दी. उन्होंने कहा, "कर्फ्यू केवल भारतीयों के लिए लगाया गया था. दूसरे देशों के नागरिकों की आवाजाही प्रतिबंधित नहीं थी."
भारत सरकार पहले से ही रूसियों सहित कई विदेशी एजेंसियों के साथ बैकचैनल वार्ता कर रही थी. अंत में, वे उन्हें भारतीय मिशन के कर्मचारियों को हवाई अड्डे पर जाने के लिए तालिबान को मनाने में कामयाब रहे.
उन्होंने कहा, "तालिबान हमारे राजदूत सहित हमारे लोगों को हवाई अड्डे तक ले गया. अन्य एजेंसियों (अमेरिकियों) की मदद से हवाई अड्डे पर पहुंचने के बाद हमारा विमान उड़ान भरने में सक्षम रहा."
काबुल हवाईअड्डा वर्तमान में अमेरिकियों द्वारा संचालित किया जा रहा है. एयर ट्रैफिक कंट्रोल उनकी निगरानी में है. पहला सी-17 विमान सोमवार रात दिल्ली में 45 लोगों को लेकर उतरा. दूसरा आज दोपहर हिंडन में उतरा जिसमें ज्यादातर मिशन स्टाफ और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के जवान थे. सरकार के सूत्रों से संकेत मिला है कि यदि आवश्यक हुआ तो और अधिक उड़ानों की योजना बनाई जाएगी.
भारत अपने मिशन स्टाफ और आईटीबीपी कर्मियों को उनके हथियारों सहित वापस लाने में कामयाब रहा है, लेकिन बल के कई बख्तरबंद वाहन काबुल हवाई अड्डे पर अब भी खड़े हैं.
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हालांकि कई देश एयरपोर्ट से अपने मिशन का संचालन कर रहे हैं, लेकिन भारत ने अपने सभी मिशन बंद कर दिए हैं. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "फिलहाल भारत ने काबुल में अपना मिशन बंद कर दिया है, लेकिन हम अपने नागरिकों को वापस लाने की कोशिश कर रहे हैं, जो भी वापस आना चाहते हैं."
उनके अनुसार, बातचीत जारी है और जब काबुल हवाई क्षेत्र खुलेगा, तो सभी भारतीयों को वापस लाने के लिए भारतीय विमानों को भेजा जाएगा.
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