नई दिल्ली:
अयोध्या में छह दिसम्बर, 1992 को बाबरी ढांचे को ढहाए जाने के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता लालकृष्ण आडवाणी एवं 20 अन्य के पक्ष में इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए फैसले को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी। उच्च न्यायालय ने 20 मई, 2010 को दिए अपने फैसले में आडवाणी एवं 20 अन्य को बाबरी ढांचे को ढहाने का षड्यंत्र रचने के आरोप से बरी कर दिया था। गौरतलब है कि सीबीआई द्वारा उठाए गए इस कदम को इसलिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि तीन दिन बाद संसद का बजट सत्र शुरू होने जा रहा है। इसे इस रूप में भी देखा जा रहा है कि विभिन्न घोटालों के आरोपों से घिरी केंद्र सरकार सीबीआई के इस कदम से विपक्ष की आक्रामकता को लगाम दे पाएगी।