केंद्रीय मंत्री मिलिंद देवड़ा ने आदर्श हाउसिंग सोसायटी घोटाले पर न्यायिक जांच आयोग की रिपोर्ट खारिज किए जाने के महाराष्ट्र सरकार के फैसले से इत्तेफाक नहीं जताया, जिसमें राज्य के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों समेत कई नेताओं को दोषारोपित किया गया है।
देवड़ा ने मंगलवार को ट्वीट किया, 'अगर आदर्श समिति की रिपोर्ट सवाल उठाती है तो हमें जांच करनी चाहिए, उनके जवाब देने चाहिए और चुप नहीं होना चाहिए।' रिपोर्ट को खारिज करने के कांग्रेस-राकांपा सरकार के फैसले को लेकर राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि आदर्श सोसायटी को पूर्व मुख्यमंत्रियों विलासराव देशमुख, सुशील कुमार शिंदे और अशोक चव्हाण का, पूर्व राजस्व मंत्री शिवाजीराव एन पाटिल का, पूर्व शहरी विकास मंत्री सुनीत तटकरे और पूर्व शहरी विकास मंत्री राजेश तोपे का राजनीतिक संरक्षण प्राप्त हुआ था।
देवड़ा की आलोचना को इसलिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि इस मुद्दे पर विपक्ष को भ्रष्टाचार के मामले में कांग्रेस पर निशाना साधने का मौका मिल गया है।
इससे पहले दोषी सांसदों पर अध्यादेश लाने के सरकार के फैसले का भी देवड़ा ने ट्वीट कर विरोध किया था। बाद में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी सार्वजनिक तौर पर अध्यादेश की आलोचना की थी और इसे वापस ले लिया गया था।
देवड़ा के बयानों को तब पार्टी आला कमान की सहमति से दिया गया माना गया था क्योंकि उन्हें राहुल का करीबी माना जाता है।
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