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महाराष्ट्र सरकार को बड़ी राहत देते हुए आदर्श हाउसिंग सोसाइटी घोटाले की जांच कर रहे न्यायिक आयोग ने कहा है कि जिस भूमि पर विवादित इमारत का निर्माण हुआ, वह सेना की नहीं बल्कि राज्य की है।
सूत्रों के मुताबिक, रिपोर्ट में कोलाबा की भूमि के मालिकाना हक पर प्रकाश डाला गया है जहां 31 मंजिली इमारत का निर्माण हुआ और क्या यह युद्ध नायकों और कारगिल विधवाओं के लिए आरक्षित था। मामले में आरोप यह है कि प्रदेश सरकार ने आदर्श सोसाइटी को भूमि आवंटित की जबकि यह रक्षा मंत्रालय की थी और इमारत का निर्माण कई कानूनों और पर्यावरण नियमों को तोड़ कर किया गया। प्रदेश सरकार ने मालिकाना हक और आरक्षण पर अंतरिम रिपोर्ट के लिए कुछ महीने पहले आयोग का रुख किया था ।
महाराष्ट्र सरकार ने पिछले साल जनवरी में आदर्श सोसाइटी घोटाले की जांच के लिए दो सदस्यीय आयोग का गठन किया था।
आयोग को घोटाले के हर पहलुओं की जांच करने की जिम्मेदारी सौंपी गई। आयोग जमीन के मालिकाना हक, आवंटन सहित निर्माण में विभिन्न नियमों के उल्लंघन की जांच कर रहा है।
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