मुंबई:
आदर्श हाउसिंग सोसायटी घोटाले के मामले में जांच कर रहे दो सदस्यीय आयोग ने गुरुवार को महाराष्ट्र सरकार के कैबिनेट मंत्री जयंत पाटिल को नोटिस जारी किया जिन्होंने आदर्श मामले की महत्वपूर्ण फाइलों को निपटाया था।
फिलहाल प्रदेश के ग्रामीण विकास मंत्री पाटिल 1999 से 2003 तक और 2004 से 2008 तक वित्त मंत्री रहे, जब विलासराव देखमुख मुख्यमंत्री थे।
सेवानिवृत्त न्यायाधीश जेए पाटिल की अध्यक्षता वाले आयोग ने जयंत पाटिल को नोटिस जारी कर मामले में सात जुलाई तक हलफनामा दाखिल करने को कहा। उन्हें बाद में गवाही देने के लिए बुलाया जाएगा।
देशमुख ने इस हफ्ते की शुरूआत में आयोग के समक्ष गवाही देते हुए पाटिल का नाम लिया था। केंद्रीय मंत्री ने आयोग से कहा था कि मुख्यमंत्री के लिए प्रत्येक फाइल या प्रस्ताव को देखना असंभव है।
नियमों के अनुसार जरूरी सत्यापन के बाद किसी निजी सोसायटी को आवंटित की जाने वाली जमीन के मूल्य पर फैसला वित्त विभाग करता है।
हालांकि देशमुख ने अपने बयान में यह भी कहा कि जब सरकार ने आदर्श सोसायटी के पक्ष में आशय पत्र जारी किया था तो वित्त विभाग ने भूमि का मूल्यांकन नहीं किया था।
इस बीच आयोग 30 जून को पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण के बयान दर्ज करेगा। आदर्श घोटाले के सामने आने के बाद ही चव्हाण को मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था। सीबीआई ने मामले में उन्हें आरोपी बनाया है।
फिलहाल प्रदेश के ग्रामीण विकास मंत्री पाटिल 1999 से 2003 तक और 2004 से 2008 तक वित्त मंत्री रहे, जब विलासराव देखमुख मुख्यमंत्री थे।
सेवानिवृत्त न्यायाधीश जेए पाटिल की अध्यक्षता वाले आयोग ने जयंत पाटिल को नोटिस जारी कर मामले में सात जुलाई तक हलफनामा दाखिल करने को कहा। उन्हें बाद में गवाही देने के लिए बुलाया जाएगा।
देशमुख ने इस हफ्ते की शुरूआत में आयोग के समक्ष गवाही देते हुए पाटिल का नाम लिया था। केंद्रीय मंत्री ने आयोग से कहा था कि मुख्यमंत्री के लिए प्रत्येक फाइल या प्रस्ताव को देखना असंभव है।
नियमों के अनुसार जरूरी सत्यापन के बाद किसी निजी सोसायटी को आवंटित की जाने वाली जमीन के मूल्य पर फैसला वित्त विभाग करता है।
हालांकि देशमुख ने अपने बयान में यह भी कहा कि जब सरकार ने आदर्श सोसायटी के पक्ष में आशय पत्र जारी किया था तो वित्त विभाग ने भूमि का मूल्यांकन नहीं किया था।
इस बीच आयोग 30 जून को पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण के बयान दर्ज करेगा। आदर्श घोटाले के सामने आने के बाद ही चव्हाण को मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था। सीबीआई ने मामले में उन्हें आरोपी बनाया है।
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