सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ (फाइल फोटो)
मुंबई:
सीबीआई अब सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ और उनके पति जावेद आनंद को गिरफ्तार नहीं कर सकती। बॉम्बे हाईकोर्ट ने तीस्ता की अग्रीम जमानत की अर्जी मंजूर कर ली है।
बड़ी बात ये कि हाईकोर्ट ने सीबीआई के उस दावे को खारिज कर दिया कि तीस्ता सीतलवाड़ और उनके पति की गतिविधियां देश के लिए खतरा हैं। अदालत ने कहा कि किसी भी नागरिक को अलग विचार रखने का अधिकार है। अलग विचार रखना देश की अखंडता के लिए खतरा नहीं हो सकता।
हालांकि तीस्ता बिना अदालत की इजाजत के देश के बाहर नहीं जा सकतीं। इसके पहले 24 जुलाई को सीबीआई की विशेष अदालत ने तीस्ता की अग्रीम जमानत की अर्जी खारिज कर दी थी। तब तीस्ता ने उस फैसले को हाईकोर्ट मे चुनौती दी थी।
जिस पर अदालत ने तीस्ता की गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए उन्हें सीबीआई के सामने पुछताछ के लिए हाजिर रहने का आदेश दिया था।
सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड और उनके पति जावेद आनंद पर केंद्रीय गृह मंत्रालय की इजाजत के बिना फोर्ड फाउंडेशन से 1.5 करोड़ रुपये लेने और फिर उसे गलत मद में खर्च करने का आरोप है। सीबीआई ने उनके सबरंग कम्युनिकेशन ट्रस्ट और ट्रस्टियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 120 और एफसीआरए के तहत मामला दर्ज किया है।
जुलाई महीने में सीबीआई ने तीस्ता के घर और दफ्तर पर छापा भी मारा था। तीस्ता के वकील की तरफ से दलील दी गई थी कि मामले से जुड़े सभी दस्तावेज सीबीआई को दिए जा चुके हैं। और कई दौर की पूछताछ भी हो चुकी है इसलिए हिरासत में लेकर पूछताछ की कोई जरूरत नहीं है। जिसे अदालत ने मान लिया।
बड़ी बात ये कि हाईकोर्ट ने सीबीआई के उस दावे को खारिज कर दिया कि तीस्ता सीतलवाड़ और उनके पति की गतिविधियां देश के लिए खतरा हैं। अदालत ने कहा कि किसी भी नागरिक को अलग विचार रखने का अधिकार है। अलग विचार रखना देश की अखंडता के लिए खतरा नहीं हो सकता।
हालांकि तीस्ता बिना अदालत की इजाजत के देश के बाहर नहीं जा सकतीं। इसके पहले 24 जुलाई को सीबीआई की विशेष अदालत ने तीस्ता की अग्रीम जमानत की अर्जी खारिज कर दी थी। तब तीस्ता ने उस फैसले को हाईकोर्ट मे चुनौती दी थी।
जिस पर अदालत ने तीस्ता की गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए उन्हें सीबीआई के सामने पुछताछ के लिए हाजिर रहने का आदेश दिया था।
सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड और उनके पति जावेद आनंद पर केंद्रीय गृह मंत्रालय की इजाजत के बिना फोर्ड फाउंडेशन से 1.5 करोड़ रुपये लेने और फिर उसे गलत मद में खर्च करने का आरोप है। सीबीआई ने उनके सबरंग कम्युनिकेशन ट्रस्ट और ट्रस्टियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 120 और एफसीआरए के तहत मामला दर्ज किया है।
जुलाई महीने में सीबीआई ने तीस्ता के घर और दफ्तर पर छापा भी मारा था। तीस्ता के वकील की तरफ से दलील दी गई थी कि मामले से जुड़े सभी दस्तावेज सीबीआई को दिए जा चुके हैं। और कई दौर की पूछताछ भी हो चुकी है इसलिए हिरासत में लेकर पूछताछ की कोई जरूरत नहीं है। जिसे अदालत ने मान लिया।
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