नई दिल्ली:
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को कहा कि यदि आसाराम बापू एक नाबालिग लड़की के यौन शोषण के दोषी पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
आसाराम ने लड़की के आरोपों का खंडन किया है। गहलोत ने केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे से मुलाकात की और उन्हें इस मामले की ताजा स्थिति से अवगत कराया।
गहलोत ने कहा, "पुलिस को जांच के दौरान किसी के दबाव में नहीं आना चाहिए और ऐसा नहीं होगा। जांच का परिणाम आने के बाद कठोर कार्रवाई की जाएगी।"
उन्होंने कहा कि संतों को समाज में पवित्रता बनाए रखनी चाहिए, ताकि उनपर उंगली उठने का कोई मौका उत्पन्न नहीं हो।
गहलोत ने आगे कहा, "मैं पहले ही कह चुका हूं कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है और कानून अपना काम करेगा।"
एक नाबालिग लड़की ने नई दिल्ली के एक थाने में 20 अगस्त को दर्ज कराई गई अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि आसाराम बापू ने अपने जोधपुर आश्रम में उसका यौन उत्पीड़न किया।
इस मामले में जोधपुर में एक दिन बाद आसाराम के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है।
आसाराम के खिलाफ बच्चों को यौन अपराधों से संरक्षण संबंधी कानून और भारतीय दंड विधान की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
राजस्थान पुलिस ने आसाराम को देश से भागने से रोकने के लिए लुक आउट नोटिस भी जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
पीड़िता के पिता ने मामले की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की मांग की है। यह मुद्दा संसद में भी उठा और प्रदर्शन भी हुए हैं।
जहां सभी राजनीतिक पार्टियों ने आसाराम के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है, वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की उमा भारती ने उनका बचाव किया है।
भाजपा को उसके 'दोहरे मानदंड' पर आड़े हाथों लेते हुए कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा, "बाकियों के लिए मृत्युदंड, जाली भगवान को क्षमा।"
भाजपा ने दुष्कर्म के दोषियों के लिए संसद के बाहर और भीतर मत्युदंड की मांग की है। आसाराम ने लड़की से अकेले में मिलने की बात से इनकार किया है और आरोप को बेबुनियाद बताया है।
आसाराम ने लड़की के आरोपों का खंडन किया है। गहलोत ने केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे से मुलाकात की और उन्हें इस मामले की ताजा स्थिति से अवगत कराया।
गहलोत ने कहा, "पुलिस को जांच के दौरान किसी के दबाव में नहीं आना चाहिए और ऐसा नहीं होगा। जांच का परिणाम आने के बाद कठोर कार्रवाई की जाएगी।"
उन्होंने कहा कि संतों को समाज में पवित्रता बनाए रखनी चाहिए, ताकि उनपर उंगली उठने का कोई मौका उत्पन्न नहीं हो।
गहलोत ने आगे कहा, "मैं पहले ही कह चुका हूं कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है और कानून अपना काम करेगा।"
एक नाबालिग लड़की ने नई दिल्ली के एक थाने में 20 अगस्त को दर्ज कराई गई अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि आसाराम बापू ने अपने जोधपुर आश्रम में उसका यौन उत्पीड़न किया।
इस मामले में जोधपुर में एक दिन बाद आसाराम के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है।
आसाराम के खिलाफ बच्चों को यौन अपराधों से संरक्षण संबंधी कानून और भारतीय दंड विधान की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
राजस्थान पुलिस ने आसाराम को देश से भागने से रोकने के लिए लुक आउट नोटिस भी जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
पीड़िता के पिता ने मामले की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की मांग की है। यह मुद्दा संसद में भी उठा और प्रदर्शन भी हुए हैं।
जहां सभी राजनीतिक पार्टियों ने आसाराम के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है, वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की उमा भारती ने उनका बचाव किया है।
भाजपा को उसके 'दोहरे मानदंड' पर आड़े हाथों लेते हुए कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा, "बाकियों के लिए मृत्युदंड, जाली भगवान को क्षमा।"
भाजपा ने दुष्कर्म के दोषियों के लिए संसद के बाहर और भीतर मत्युदंड की मांग की है। आसाराम ने लड़की से अकेले में मिलने की बात से इनकार किया है और आरोप को बेबुनियाद बताया है।
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