नई दिल्ली:
एक ऐसी खबर, जो कई कारणों से दिल दहलाती है - इसलिए, क्योंकि एक बार फिर साफ हुआ कि कोई कितनी आसानी से किसी लड़की की ज़िंदगी को तहस-नहस कर सकता है... इसलिए भी, क्योंकि दिखता है कि कैसे अपराधियों को न के बराबर सज़ा मिली... और इसलिए भी, क्योंकि इस पीड़ित लड़की को इलाज के लिए कहीं से कोई मदद नहीं मिल पा रही है...
नौ साल पहले की सोनाली मुखर्जी, एनसीसी कैप्टन, कॉलेज की टॉपर, हंसती-खेलती, एक आम लड़की थी... लेकिन नौ साल बाद आज 27 साल की सोनाली की न सिर्फ ज़िन्दगी बदल चुकी है, बल्कि चेहरा भी बुरी तरह बिगड़ गया है, उसकी दोनों आंखों की रोशनी जा चुकी है, और शरीर का शायद ही कोई हिस्सा ऐसा हो, जो जला न हो।
एक हफ्ते से सोनाली दिल्ली में है। उसकी दो ही मांगें हैं - या उसे इंसाफ मिले या इच्छामृत्यु... सोनाली की दर्दनाक कहानी को शब्दों में बयां करना मुश्किल है, लेकिन एनडीटीवी इंडिया से बातचीत में उसने अपने जीवन की कड़वी सच्चाई बताई।
झारखंड के धनबाद की सोनाली के मुताबिक वह 22 अप्रैल, 2003 की रात थी, जब उसके पड़ोस के तीन लड़कों ने उसके घर आकर उस पर तेज़ाब फेंक दिया। तेजाब के छींटे उसकी छोटी बहन और पिता पर भी गिरे, लेकिन सोनाली 72 प्रतिशत जल गई। सोनाली के मुताबिक वे लड़के उसके साथ छेड़खानी करते थे, और जब उसने विरोध किया तो उन्होंने ऐसा काम किया।
घटना के 20 दिन बाद पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया। मामला धनबाद जिला अदालत में चलता रहा, लेकिन घटना के छह महीने बाद इसके सदमे से सोनाली के दादा की मौत हो गई, जबकि मां अब तक गुमसुम है। तीन साल बाद, यानि वर्ष 2006 में धनबाद जिला कोर्ट ने दो दोषियों को नौ साल की सजा सुनाई, जबकि एक नाबालिग होने के कारण बच गया।
आरोपी उस सजा के खिलाफ झारखंड हाइकोर्ट गए, और वर्ष 2007 में कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी। जमानत मिलते ही सोनाली के परिवार को धमकियां मिलने लगीं और इलाज के बोझ तले सब कुछ लुट गया। सोनाली के पिता के मुताबिक उसके इलाज में करीब 12 लाख रुपये खर्च हो चुके हैं। दिल्ली के सफदरजंग और एम्स अस्पताल में उसकी कई और सर्जरी होनी हैं, लेकिन अब इलाज के लिए उसके पास पैसे नहीं बचे हैं।
वैसे मीडिया में खबर दिखाए जाने के बाद सोनाली की मदद के लिए कई हाथ आगे आए हैं। जाने-माने वकील राम जेठमलानी ने सोमवार को सोनाली से अपने घर पर मुलाकात की, और कानूनी मदद का भरोसा दिलाने के साथ-साथ एक लाख 39 हज़ार रुपये की आर्थिक मदद भी की।
सोनाली की मदद करने के लिए आप पंजाब नेशनल बैंक की दिल्ली की नौरोजी नगर शाखा में चंडीदास मुखर्जी के अकाउंट नंबर 0612−000−1032−17964 में पैसे जमा कर सकते हैं या फिर इस बारे में उनके भाई देवाशीष मुखर्जी के नंबर 0943−7638−600 पर बात कर सकते हैं।
नौ साल पहले की सोनाली मुखर्जी, एनसीसी कैप्टन, कॉलेज की टॉपर, हंसती-खेलती, एक आम लड़की थी... लेकिन नौ साल बाद आज 27 साल की सोनाली की न सिर्फ ज़िन्दगी बदल चुकी है, बल्कि चेहरा भी बुरी तरह बिगड़ गया है, उसकी दोनों आंखों की रोशनी जा चुकी है, और शरीर का शायद ही कोई हिस्सा ऐसा हो, जो जला न हो।
एक हफ्ते से सोनाली दिल्ली में है। उसकी दो ही मांगें हैं - या उसे इंसाफ मिले या इच्छामृत्यु... सोनाली की दर्दनाक कहानी को शब्दों में बयां करना मुश्किल है, लेकिन एनडीटीवी इंडिया से बातचीत में उसने अपने जीवन की कड़वी सच्चाई बताई।
झारखंड के धनबाद की सोनाली के मुताबिक वह 22 अप्रैल, 2003 की रात थी, जब उसके पड़ोस के तीन लड़कों ने उसके घर आकर उस पर तेज़ाब फेंक दिया। तेजाब के छींटे उसकी छोटी बहन और पिता पर भी गिरे, लेकिन सोनाली 72 प्रतिशत जल गई। सोनाली के मुताबिक वे लड़के उसके साथ छेड़खानी करते थे, और जब उसने विरोध किया तो उन्होंने ऐसा काम किया।
घटना के 20 दिन बाद पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया। मामला धनबाद जिला अदालत में चलता रहा, लेकिन घटना के छह महीने बाद इसके सदमे से सोनाली के दादा की मौत हो गई, जबकि मां अब तक गुमसुम है। तीन साल बाद, यानि वर्ष 2006 में धनबाद जिला कोर्ट ने दो दोषियों को नौ साल की सजा सुनाई, जबकि एक नाबालिग होने के कारण बच गया।
आरोपी उस सजा के खिलाफ झारखंड हाइकोर्ट गए, और वर्ष 2007 में कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी। जमानत मिलते ही सोनाली के परिवार को धमकियां मिलने लगीं और इलाज के बोझ तले सब कुछ लुट गया। सोनाली के पिता के मुताबिक उसके इलाज में करीब 12 लाख रुपये खर्च हो चुके हैं। दिल्ली के सफदरजंग और एम्स अस्पताल में उसकी कई और सर्जरी होनी हैं, लेकिन अब इलाज के लिए उसके पास पैसे नहीं बचे हैं।
वैसे मीडिया में खबर दिखाए जाने के बाद सोनाली की मदद के लिए कई हाथ आगे आए हैं। जाने-माने वकील राम जेठमलानी ने सोमवार को सोनाली से अपने घर पर मुलाकात की, और कानूनी मदद का भरोसा दिलाने के साथ-साथ एक लाख 39 हज़ार रुपये की आर्थिक मदद भी की।
सोनाली की मदद करने के लिए आप पंजाब नेशनल बैंक की दिल्ली की नौरोजी नगर शाखा में चंडीदास मुखर्जी के अकाउंट नंबर 0612−000−1032−17964 में पैसे जमा कर सकते हैं या फिर इस बारे में उनके भाई देवाशीष मुखर्जी के नंबर 0943−7638−600 पर बात कर सकते हैं।
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