अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और बिहार नियोजित शिक्षकों के एकदिवसीय राज्य बंद का सोमवार को आवागमन पर बुरा असर देखा जा रहा है। पटना में गुरुवार को एबीवीपी के छात्रों पर हुए लाठी चार्ज और पुलिस की गोलीबारी के विरोध में छात्रों ने सोमवार को बिहार बंद का आह्वान किया है, जबकि नियोजित शिक्षकों ने अपने वेतनमान और अन्य मांगों को लेकर बंद की घोषणा की है।
प्रदर्शनकारी विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर रेलगाड़ियों को निशाना बना रहे हैं, वहीं कई स्थानों पर सड़क जाम कर प्रदर्शन भी कर रहे हैं। राजधानी पटना सहित राज्य के कई हिस्सों में बंद समर्थक छात्र सुबह से ही सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी छात्रों ने पटना के राजेंद्र नगर टर्मिनल पर झाझा-पटना पैसेंजर ट्रेन और आरा रेलवे स्टेशन पर मालदा एक्सप्रेस को रोक दिया। औरंगाबाद में बंद समर्थकों ने राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-2 को जाम कर दिया। प्रदर्शनकारी छात्रों ने पटना विश्वविद्यालय को भी बंद करवा दिया है। गया, भागलपुर, सहरसा और मधेपुरा में भी बंद का जोरदार असर देखा जा रहा है।
एबीवीपी के प्रदेश मंत्री भरत सिंह जोशी ने आरोप लगाया कि बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने शिक्षा को पूरी तरह नष्ट कर दिया है। इसमें सुधार की मांग करते हुए उन्होंने कहा, "शिक्षा व्यवस्था में सुधार की मांग को लेकर जब लोग सड़कों पर उतरे तो उन्हें पुलिस से पिटवाया गया। छात्रों को गिरफ्तार भी किया गया।"
इधर, बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ के बंद के आह्वान पर सोमवार को विद्यालयों में तालाबंदी कर दी गई है और शिक्षक सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि शिक्षक संघ 23 मार्च से पटना के आर ब्लॉक चौराहे पर अनशन पर बैठे हैं। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि बंद के दौरान कुछ छात्र नेताओं को हिरासत में लिया गया है।
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