
नई दिल्ली:
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व राज्यसभा सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने कथित सीडी विवाद के मद्देनजर सोमवार को पार्टी के प्रवक्ता और संसद की एक स्थायी समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया।
सिंघवी ने एक बयान जारी कर कहा, "मैंने विधि, न्याय, कार्मिक व शिकायत सम्बंधी संसद की स्थायी समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। साथ ही इस बारे में मैंने कांग्रेस अध्यक्ष को भी सूचित कर दिया है।" उन्होंने कहा, "मैंने मीडिया को भी सम्बोधित नहीं करने का फैसला किया है।"
सिंघवी ने कहा, "मैंने ऐसा सिर्फ इसलिए किया है कि मनगढ़ंत सीडी को लेकर संसद की कार्यवाही में बाधा न पड़े। चूंकि मैं पार्टी का अनुशासित सिपाही हूं, इसलिए मैं कोई ऐसा विषय नहीं बनना चाहता जिससे पार्टी को परेशानी हो। मेरे ऊपर लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद और झूठे हैं।" उन्होंने कहा, "ऐसा कुछ है ही नहीं क्योंकि ऐसा कुछ हुआ ही नहीं है। यह पूरी तरह कल्पना पर आधारित, जानबूझकर किया गया कार्य और सनसनी फैलाने वाला कृत्य है।"
सिंघवी ने खुद से सम्बंधित इस विवादास्पद सीडी को इंटरनेट पर जारी होने के बाद शनिवार को आरोप लगाया था कि न्यायालय के आदेश के बावजूद निहित स्वार्थों के चलते सनसनी फैलाने के लिए एक संगठित गिरोह द्वारा सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट्स का इस्तेमाल किया जा रहा है।
ज्ञात हो कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने 13 अप्रैल को पारित एक आदेश में आजतक, हेडलाइंस टुडे और इंडिया टुडे समूह को उस सीडी की सामग्रियों का प्रसार करने से रोक दिया था, जो कथित रूप से सिंघवी के पूर्व वाहन चालक द्वारा तैयार की गई है। इस सीडी में सिंघवी को आपत्तिजनक स्थिति में दिखाया गया है।
सिंघवी ने एक बयान जारी कर कहा, "मैंने विधि, न्याय, कार्मिक व शिकायत सम्बंधी संसद की स्थायी समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। साथ ही इस बारे में मैंने कांग्रेस अध्यक्ष को भी सूचित कर दिया है।" उन्होंने कहा, "मैंने मीडिया को भी सम्बोधित नहीं करने का फैसला किया है।"
सिंघवी ने कहा, "मैंने ऐसा सिर्फ इसलिए किया है कि मनगढ़ंत सीडी को लेकर संसद की कार्यवाही में बाधा न पड़े। चूंकि मैं पार्टी का अनुशासित सिपाही हूं, इसलिए मैं कोई ऐसा विषय नहीं बनना चाहता जिससे पार्टी को परेशानी हो। मेरे ऊपर लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद और झूठे हैं।" उन्होंने कहा, "ऐसा कुछ है ही नहीं क्योंकि ऐसा कुछ हुआ ही नहीं है। यह पूरी तरह कल्पना पर आधारित, जानबूझकर किया गया कार्य और सनसनी फैलाने वाला कृत्य है।"
सिंघवी ने खुद से सम्बंधित इस विवादास्पद सीडी को इंटरनेट पर जारी होने के बाद शनिवार को आरोप लगाया था कि न्यायालय के आदेश के बावजूद निहित स्वार्थों के चलते सनसनी फैलाने के लिए एक संगठित गिरोह द्वारा सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट्स का इस्तेमाल किया जा रहा है।
ज्ञात हो कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने 13 अप्रैल को पारित एक आदेश में आजतक, हेडलाइंस टुडे और इंडिया टुडे समूह को उस सीडी की सामग्रियों का प्रसार करने से रोक दिया था, जो कथित रूप से सिंघवी के पूर्व वाहन चालक द्वारा तैयार की गई है। इस सीडी में सिंघवी को आपत्तिजनक स्थिति में दिखाया गया है।
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