दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर 2000 करोड़ के शिक्षा घोटाले का आरोप लगा रही बीजेपी अब खुद घिरती नजर आ रही है. मनीष सिसोदिया ने आज बीजेपी शासित दक्षिणी दिल्ली नगर निगम पर आरोप लगाया है कि उसने 43 क्लास रूम बनाने के लिए 10.73 करोड़ रुपये की एस्टिमटेड कॉस्ट बताकर रेसोलुशन पास किया है. इस, हिसाब से एक कमरे के निर्माण पर 24 लाख 95 हजार व्यय होंगे और वे सुविधाएं भी नहीं होंगी जो दिल्ली सरकार स्कूलों को देने जा रही है.
मनीष सिसोदिया ने एनडीटीवी इंडिया से कहा 'हमको एक कमरा 25 लाख का नहीं पड़ रहा, मनोज तिवारी एस्टीमेटेड कॉस्ट के आधार पर जनता को गुमराह कर रहे हैं. यह कमरा पच्चीस लाख से कहीं ज्यादा सस्ता बन रहा है. हो सकता है उससे आधी कीमत में बन जाए.'
उन्होंने कहा कि 'लेकिन मेरा कहना है कि अगर 25 लाख में भी पड़ रहा होता तो उसमें नुकसान क्या है? अगर शानदार डेस्क हम बच्चों को दे रहे हैं, बोर्ड हम दे रहे हैं, लाइट हम दे रहे हैं, फैन लगाकर दे रहे हैं. यह सब 25 लाख के अंदर शामिल है. कमरों के अंदर टाइल लगी हुई हैं कॉरिडोर बने हुए हैं, सीढ़ियां बनी हुई हैं, पानी का आरओ लगा हुआ है. फायर फाइटिंग सिस्टम बना हुआ है. इन सबकी कीमत इसमें शामिल है.'
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सिसोदिया ने कहा कि 'बीजेपी शासित दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में 42 कमरों को बनाने का एक रेजोल्यूशन पास किया गया है और उसकी अनुमानित लागत 10.73 करोड़ है. इसके हिसाब से एक कमरा 24 लाख 95 हजार का पड़ेगा. लेकिन बीजेपी के इस 25 लाख रुपये में न तो फायर फाइटिंग है, न पानी है, न कोरिडोर हैं, न रेन वॉटर हार्वेस्टिंग है, न महंगी टाइल्स हैं. इसका मतलब बेईमानी तो आप कर रहे हो.'
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मनीष सिसोदिया ने कहा कि 'हमें खुशी है कि अगर हमें 25 लाख रुपये भी अपने बच्चों के लिए खर्च करने पड़ेंगे तो हम करेंगे. न इसमें हमें शर्म है और न हमें डर है. गरीब बच्चों को पच्चीस लाख के कमरे क्यों न मिलें?'
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