यह ख़बर 04 जनवरी, 2014 को प्रकाशित हुई थी

ज्यादातर राज्यों में 'अधिकतम' सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ेगी 'आप', अरविंद बोले, नहीं लड़ूंगा चुनाव

नई दिल्ली:

अपनी राष्ट्रीय आकांक्षाएं जाहिर करते हुए आम आदमी पार्टी (आप) ने शनिवार को ऐलान किया कि वह आगामी लोकसभा चुनावों में ज्यादातर राज्यों की 'अधिकतम' सीटों पर चुनाव लड़ेगी और अपने उम्मीदवारों की पहली सूची अगले 10-15 दिनों में जारी कर देगी। वहीं, दिल्ली के मुख्यमंत्री और पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वह लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे और सिर्फ पार्टी के उम्मीदवारों के लिए प्रचार करेंगे।

बहरहाल, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के 'आप' के प्रधानमंत्री उम्मीदवार होने की अटकलों के बीच पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रशांत भूषण ने संवाददाताओं से बातचीत में यह साफ कर दिया कि लोकसभा चुनावों के नतीजे के बाद ही इस बाबत फैसला किया जाएगा।

'आप' की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक के बाद भूषण ने यह ऐलान किया। कल संपन्न होने वाली इस बैठक में आज केजरीवाल और पार्टी के सभी वरिष्ठ नेता मौजूद थे।

भूषण ने कहा, ''आप ज्यादातर राज्यों में अधिकतम सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ेगी। हम मध्य फरवरी या बहुत से बहुत अगले महीने के अंत तक अपने ज्यादातर उम्मीदवारों की घोषणा कर देंगे।' यह पूछे जाने पर कि क्या केजरीवाल को 'आप' का प्रधानमंत्री उम्मीदवार घोषित किया जाएगा, इस पर उन्होंने कहा कि इस बाबत आज फैसला नहीं किया गया है।

भूषण ने कहा, 'अरविंद केजरीवाल पार्टी के सबसे बड़े नेता हैं पर हमने अपने प्रधानमंत्री उम्मीदवार के नाम पर फैसला नहीं किया है। ये हमारे लिए अहमियत नहीं रखता कि प्रधानमंत्री उम्मीदवार कौन बनेगा।'

'आप' के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने कहा, 'आगामी लोकसभा चुनावों के लिए पार्टी के उम्मीदवारों की पहली सूची 10 से 15 दिनों में जारी कर दी जाएगी। दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए उम्मीदवारों के चयन में जो प्रक्रिया अपनायी गयी थी वही लोकसभा चुनावों में भी अपनायी जाएगी।'

सिंह ने कहा कि पार्टी उन राज्यों से चुनाव लड़ेगी जहां उसकी संरचना अच्छी है और जहां उसे ईमानदार उम्मीदवार मिलेंगे।

'आप' के इस नेता ने कहा, 'अगले एक महीने के दौरान पार्टी हर राज्य में बैठक कर लोकसभा उम्मीदवारों के नाम तय करेगी। आपराधिक और भ्रष्टाचार के आरोपों तथा अपने नैतिक चरित्र को लेकर सवालों का सामना कर रहे लोगों को टिकट नहीं दिए जाएंगे।'

संजय सिंह ने कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनावों की तरह लोकसभा चुनावों में भी हर संसदीय सीट के लिए पार्टी का अलग घोषणा-पत्र होगा। यह पूछे जाने पर कि क्या 'आप' भाजपा के शहरी वोट काटेगी और नरेंद्र मोदी की प्रधानमंत्री पद की आकांक्षाओं को नुकसान पहुंचाएगी, इस पर सिंह ने कहा कि पार्टी कांग्रेस और भाजपा का विकल्प बनकर उभरी है और वह किसी पार्टी को 'फायदे' या 'नुकसान' के लिए चुनाव नहीं लड़ रही है।

सिंह ने कहा, 'राहुल गांधी और नरेंद्र मोदी हमारे लिए चुनावी मुद्दे नहीं हैं। हम लोगों की समस्याएं खत्म करने के लिए यहां आए हैं।' भूषण ने कहा, 'शहरी इलाके के लोगों की तरह ही ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोग 'आप' को लेकर उत्सुक हैं। कई ऐसी जगहें हैं जहां गांवों के लोग ज्यादा उत्सुक हैं।'

उन्होंने कहा कि लोग अब कांग्रेस और भाजपा का विकल्प चाहते हैं और 'आप' जनांदोलन है, कोई राजनीतिक पार्टी नहीं।

भूषण ने कहा, '' 'आप' का मानना है कि सरकार जनता की आकांक्षाओं के मुताबिक चलनी चाहिए।' लोकसभा चुनावों के लिए गठित पार्टी की दो सदस्यीय उप-समिति के सदस्य सिंह ने कहा कि पार्टी के भविष्य को लेकर राज्यों में भी उत्सुकता है और बड़ी तादाद में लोग 'आप' में शामिल होना चाहते हैं।

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पार्टी लोकसभा चुनाव लड़ने की इच्छा रखने वाले उम्मीदवारों से पहले ही आवेदन आमंत्रित कर चुकी है। दिल्ली के अलावा महाराष्ट्र, हरियाणा और तमिलनाडु से आए पार्टी के बड़े नेताओं ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में हिस्सा लिया।