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This Article is From Apr 25, 2017

गो तस्करी पर लगाम लगाने के लिए अब गायों का भी बनेगा 'आधार' कार्ड'

गो तस्करी पर लगाम लगाने के लिए अब गायों का भी बनेगा 'आधार' कार्ड'
सरकार का दावा है कि आधार कार्ड से गायों की तस्करी पर लगाम लगेगी
नई दिल्ली: गायों की तस्करी रोकने के लिए सरकार एक अनूठा कदम उठाने जा रही है. सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय से कहा कि दूध देना बंद करने के बाद त्याग दी गई हर गाय और उसके बछड़े का एक 'अद्वितीय पहचान संख्या' (यूआईएन) होगा और हर जिले में राज्य सरकार द्वारा निर्मित गो आश्रमों में रखा जाएगा.

महाधिवक्ता रंजीत कुमार ने प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति जे. एस. केहर और न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ की पीठ से कहा कि हर गाय और उसके हर बच्चे का अपना यूआईएन होगा, ताकि उनकी निगरानी की जा सके. रंजीत कुमार ने अखिल भारत कृषि गोसेवा संघ की याचिका खारिज करने की मांग करते हुए कहा, "केंद्रीय कृषि मंत्री ने खराब न होने वाली पॉलीयूरीथेन से बने यूआईएन संख्या वाले टैग का इंतजाम किया है. पूरे भारत में गो संरक्षण एवं गोरक्षा के लिए एकसमान कानून होगा. इससे देश में कानून का पालन न करने वाले इलाकों में कमी आएगी और गोसंरक्षण और गोरक्षा का पालन बेहतर तरीके से हो सकेगा."

रंजीत कुमार ने बताया कि गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारियों की एक समिति ने पॉलीयूरीथेन टैग के इस्तेमाल का सुझाव दिया है. इस आधार कार्ड में पशु का सारा ब्यौरा, जैसे उम्र, लिंग, नस्ल, वजन, रंग, पूंछ और सींग का आकार और किसी खास निशान का उल्लेख किया जाएगा. उन्होंने कहा, "समिति की सिफारिशों पर अंतिम फैसला ले लिया गया है और उचित अधिकारियों द्वारा इसे मंजूरी भी मिल चुकी है."

याचिकाकर्ता संगठन ने अनुपयोगी गायों सहित गोवंश के जानवरों की बांग्लादेश को होने वाली तस्करी पर रोक लगाने के लिए एक विस्तृत योजना बनाए जाने की मांग की थी.

(इनपुट आईएएनएस से भी)

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