स्लीपर क्लास में आराम की मुद्रा में केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी
तिरुअनंतपुरम:
ट्रेन के स्लीपर क्लास में केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ओमान चांडी का आराम की मुद्रा में सफर एक अलग ही सियासी तस्वीर पेश करता हुआ दिख रहा है. चांडी ने सोमवार को राजधानी तिरुअनंतपुरम तक 160 किमी तक की यात्रा ट्रेन के स्लीपर क्लास में की. कांग्रेसी नेता की सोशल मीडिया में यह तस्वीर चर्चा का विषय बन रही है.
इस संबंध में NDTV से उन्होंने कहा, ''मैं ट्रेन के स्लीपर क्लास में सफर करना पसंद करता हूं क्योंकि विशेष रूप से लंबी दूरी की यात्रा में इस क्लास में ज्यादा भीड़-भाड़ नहीं होती...मैं इस बहाने लोगों से घुलता-मिलता हूं, वर्ना एकदम एकाकीपन हो जाता है. मैं वीआईपी ट्रीटमेंट में यकीन नहीं करता.''
यह इस मायने में अलग है क्योंकि कुछ हफ्ते पहले सांसदों के एक ग्रुप ने एयरलाइंस से विशेष दरों पर सीटें, वीआईपी लाउंट की उपलब्धता और बोर्डिंग के दौरान विशेष सहायता का अनुरोध किया था.
उल्लेखनीय है कि मई में हुए विधानसभा चुनाव में ओमान चांडी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार की हार हुई थी और सत्ता में वामदलों के गठबंधन की वापसी हुई थी. उसके कुछ हफ्तों बाद ही उनको कोल्लम से तिरुअनंतपुरम तक का 70 किमी सफर बस से तय करते देखा गया था. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि उनको ट्रेन का टिकट नहीं मिला था और राजधानी में एक महत्वपूर्ण सियासी बैठक में आवश्यक रूप से हिस्सा लेना चाहते थे.
इसी तरह जब वह मुख्यमंत्री थे तब एक बार ट्रेन रुकने पर सरकारी काफिले का इंतजार किए बिना ही पैदल चल दिए थे. हालांकि यात्रा के इस नमूने पर सोशल मीडिया पर उनके पक्ष और विपक्ष में चर्चाएं हो रहीं हैं.
इस संबंध में NDTV से उन्होंने कहा, ''मैं ट्रेन के स्लीपर क्लास में सफर करना पसंद करता हूं क्योंकि विशेष रूप से लंबी दूरी की यात्रा में इस क्लास में ज्यादा भीड़-भाड़ नहीं होती...मैं इस बहाने लोगों से घुलता-मिलता हूं, वर्ना एकदम एकाकीपन हो जाता है. मैं वीआईपी ट्रीटमेंट में यकीन नहीं करता.''
यह इस मायने में अलग है क्योंकि कुछ हफ्ते पहले सांसदों के एक ग्रुप ने एयरलाइंस से विशेष दरों पर सीटें, वीआईपी लाउंट की उपलब्धता और बोर्डिंग के दौरान विशेष सहायता का अनुरोध किया था.
उल्लेखनीय है कि मई में हुए विधानसभा चुनाव में ओमान चांडी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार की हार हुई थी और सत्ता में वामदलों के गठबंधन की वापसी हुई थी. उसके कुछ हफ्तों बाद ही उनको कोल्लम से तिरुअनंतपुरम तक का 70 किमी सफर बस से तय करते देखा गया था. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि उनको ट्रेन का टिकट नहीं मिला था और राजधानी में एक महत्वपूर्ण सियासी बैठक में आवश्यक रूप से हिस्सा लेना चाहते थे.
इसी तरह जब वह मुख्यमंत्री थे तब एक बार ट्रेन रुकने पर सरकारी काफिले का इंतजार किए बिना ही पैदल चल दिए थे. हालांकि यात्रा के इस नमूने पर सोशल मीडिया पर उनके पक्ष और विपक्ष में चर्चाएं हो रहीं हैं.
@MATTSMATTS @rachitseth @Oommen_Chandy but y is the entire cabin empty??
— Prafull Saraf (@prafullsaraf) October 11, 2016
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