सीबीआई ने J&K बैंक को 800 करोड़ रुपये का चूना लगाने के आरोप में बैंक के पूर्व चैयरमैन मुस्ताक अहमद शेख और संजय झुनझुनवाला समेत 17 लोगों के खिलाफ एफ़आईआर दर्ज की है. इससे पहले भी पिछले कुछ सालों में जम्मू एंड कश्मीर बैंक के खिलाफ कई मामलों की जांच सीबीआई और ईडी कर रही है.
दरअसल, ताजा मामले में सीबीआई ने अपनी जांच में पाया कि जम्मू एंड कश्मीर बैंक की मुंबई और दिल्ली ब्रांच के अधिकारियों ने आरईआई एग्रो लिमिटिड कंपनी के टॉप मैनेजमेंट के साथ मिलकर 800 करोड़ रुपए का लोन पास कराया था. यह लोन REI एग्रो लिमिटिड को बैंकिंग प्रणाली के साथ छेड़छाड़ करके साल 2011 से 2013 के बीच में दिया गया था. जिसके बाद इस लोन को 2014 में NPA घोषित कर दिया गया. जिसकी वजह से बैंक को भारी नुकसान हुआ था.
सीबीआई को शुरुआती जांच में पता चला कि REI एग्रो लिमिटिड (जिसका हेड ऑफिस कोलकाता में है और कॉर्पोरेट ऑफिस दिल्ली में है) ने J&K बैंक की मुंबई की एक ब्रांच से लोन के लिए आवेदन किया था. जबकि कंपनी की कोई भी ब्रांच मुंबई में नहीं थी, बावजूद इसके माहीम ब्रांच ने REI एग्रो लिमिटिड को 550 करोड़ का लोन पास कर दिया था तो वहीं दिल्ली की वसंत विहार ब्रांच ने 135 करोड़ रुपए बैंकिंग प्रणाली के साथ छेड़छाड़ करके पास कर दिए थे.
2019 में जम्मू कश्मीर की एन्टी करप्शन ब्रांच ने J&K बैंक के अधिकारियों पर बैंक के 1100 करोड़ के हुए नुकसान को लेकर एफआईआर दर्ज की थी. इसके बाद पूरे देश में छापेमारी के बाद एसीबी ने 32 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी थी. उस चार्जशीट में REI एग्रो लिमिटिड के तत्कालीन चैयरमैन संजय झुनझुनवाला को भी आरोपी बनाया गया था. जिसके बाद साल 2021 में जम्मू कश्मीर सरकार ने पूरा मामला सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया था. सीबीआई की एन्टी करप्शन ब्रांच चीटिंग, धोखाधड़ी और प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के तहत इस मामले की जांच कर रही है.
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