कांग्रेस ने कहा कि देश में मतपत्र से चुनाव की व्यवस्था की ओर फिर से लौटने और चुनावी खर्च को सीमित करने की उसकी मांग का 70 फीसदी राजनीतिक दलों ने समर्थन किया है. उसने यह भी दावा किया कि ईवीएम से चुनाव जारी रखने की पैरवी कर रही भाजपा और उसके कुछ सहयोगी दल चुनाव आयोग द्वारा बुलाई गई बैठक में इन दोनों मुद्दों पर अलग-थलग पड़ गए थे. चुनाव आयोग द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के बाद कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने बताया कि पार्टी ने आयोग से यह भी कहा कि अगर मतपत्र से चुनाव कराना संभव नहीं हो तो विकल्प के तौर पर ईवीएम के साथ लगे वीवीपैट में कम से कम 30 फीसदी की जांच कराई जाए ताकि देश में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित हो सके. सिंघवी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘आज की बैठक में हमने चुनाव को फिर से मतपत्र के जरिए कराने की मांग की. हमने यह भी कहा कि अगर यह संभव नहीं हो रहा है तो विकल्प के तौर पर कम से कम 30 फीसदी वीवीपैट की पर्चियों का मिलान कराया जाए, ताकि स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित हो सके.’’
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उन्होंने कहा, ‘‘दूसरा मुद्दा चुनाव में खर्च सीमित करने का था. आप जानते हैं कि एक पार्टी ने हालिया चुनावों में किस तरह से पैसे बहाए हैं. ऐसे में हमने मांग रखी की खर्च को सीमित किया जाना चाहिए.’’ कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हमारी इन दोनों मांगों का 70 फीसदी राजनीतिक दलों ने समर्थन किया. इसमें भाजपा एवं उसके कुछ सहयोगी दल अलग-थलग पड़ गए थे.’’ सिंघवी ने कहा कि मतदाता सूचियों में गड़बड़ी को दुरुस्त करने, महिला आरक्षण, दिव्यांगों को सुविधाएं और चुनावी बांड के मामले पर कांग्रेस ने अपना पक्ष रखा.
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बैठक में शामिल हुए कांग्रेस महासचिव मुकुल वासनिक ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘ईवीएम के प्रति जनता का रुझान नकारात्मक होता जा रहा है, क्योंकि अधिकतर राज्यों में मतदान के दौरान उसमें गड़बड़ियां सामने आई है. यहां तक की कई बार देखने में मिला है कि वोट देने के लिये कोई भी बटन दबाओ तो वह एक चिन्हित राजनीतिक दल को ही जाता है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग से इस संबंध में कहा है कि इसका एक ही निवारण है कि वीवीपैट की फिर से जांच की जाए तथा कम से कम 30 प्रतिशत वीवीपैट की जांच हो ताकि चुनाव प्रक्रिया की तरफ जनता का रुझान सकारात्मक हो. इससे देश का लोकतंत्र मजबूत होगा.’’
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वीवीपैट इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन में लगी वह प्रणाली है जिससे निकलने वाली कागज की पर्ची के जरिये मतदाता द्वारा डाले गये वोट की पुष्टि होती है.
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