उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में जहरीली शराब से मरने वालों का आंकड़ा 7 पहुंच गया है. चौंकाने वाली बात ये है कि जिस दुकान से यह जहरीली शराब खरीदी गई थी वो सरकारी लाइसेंस प्राप्त दुकान थी. इस मामले में सरकार ने जिला आबकारी अधिकारी और इलाके के थाने के सब इंस्पेक्टर और एक हेड कांस्टेबल को सस्पेंड कर दिया गया है. सीएम योगी ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए दोषियों के खिलाफ कठोर दंडात्मक कार्रवाई का निर्देश दिया है.
सीएम ने कहा है कि ऐसे लोगों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत एक्शन लिया जाएगा और उनकी संपत्ति को कुर्क कर पीड़ित परिवारों को हर्जाना दिया जाएगा.
सीएम के पत्र सूचना विभाग द्वारा जारी बयान के मुताबिक, "उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनपद प्रयागराज में जहरीली शराब से हुई लोगों की मृत्यु की घटना को अत्यन्त गम्भीरता लिया है. उन्होंने मृतकों के परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है. मुख्यमंत्री जी ने इस घटना में सभी सम्बन्धित की जवाबदेही तय करते हुए इनके खिलाफ कठोर दण्डात्मक कार्यवाही किए जाने के निर्देश दिए हैं...."
बयान में आगे लिखा है, "...उन्होंने यह निर्देश भी दिए है कि जहरीली शराब बेचने में लिप्त लोगों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के अन्तर्गत कार्यवाही करते हुए ऐसे लोगों की सम्पत्ति जब्त की जाए. जब्त की गई सम्पत्ति की नीलामी करते हुए उससे प्राप्त धनराशि से पीड़ित परिवारों की मदद की जाए."
बता दें कि प्रयागराज (Prayagraj) में जहरीली शराब पीने से अब तक 7 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 15 लोग गंभीर रूप से बीमार पड़ गए हैं. यह घटना जिले के फूलपुर थानाक्षेत्र के एक गांव में हुई है. बीमारों को नजदीकी स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल में भर्ती कराया गया है. प्रशासन ने शराब के ठेके को सील कर दिया है और मामले की जांच की जा रही है.
स्थानीय लोगों का कहना है कि पीड़ितों ने पिछली रात देशी शराब की दुकानों से शराब खरीदी थी, जिसे पीने के बाद लोग बीमार पड़ गए. हालांकि, जिले के जिलाधिकारी मौत के कारणों पर कुछ भी कहने से बच रहे हैं. उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत की वजह बताई जा सकती है. पुलिस ने प्रथम द्रष्टया साक्ष्यों के आधार पर देशी शराब की दुकान चलाने वाले पति-पत्नी को गिरफ्तार कर लिया है.
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