नई दिल्ली:
महिपालपुर में सील हुए 70 से ज्यादा होटलों के खुलने का रास्ता साफ हो गया है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने अपने फैसले में कहा कि अगर ये होटल मालिक जुर्माना भर दें और ज़रूरी कागज़ात जमा कर दें तो उन्हें दुबारा इजाज़त मिल जाएगी। वैसे इस पूरी प्रक्रिया में 6 हफ़्ते लगेंगे।
होटल मालिकों को अगले दो हफ़्तों में नियम, शर्त और मंज़ूरी के सारे दस्तावेज़ दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी को देने होंगे। फिर कमेटी हफ़्तेभर में गड़बड़ियां बताएगी, और उन्हें दूर करने के लिए दो हफ़्ते का वक़्त मिलेगा। डीपीसीसी के वकील संजीव रैली ने कहा कि इन होटलों के दस्तावेज दुरुस्त हैं या नहीं इसकी जांच का जिम्मा दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी को सौंपा गया है। और यहां से अनुमति मिलने के बाद ही होटल चालू हो पाएंगे।
होटल मालिकों को डीपीसीसी में जुर्माना भी भरना होगा। 25 से कम कमरों वाले होटलों को 1 लाख, 25 से 49 कमरों वाले होटलों को 2 लाख और 50 या इससे ज्यादा कमरों वाले होटलों को 5 लाख रुपये भरने होंगे।
सारी प्रक्रिया शुरू करने के पहले हफ्ते भर में सभी सील हुए होटल को एक साल के लिए 5 लाख का सेक्योरिटी बांड भरना होगा।
होटल मालिकों को अगले दो हफ़्तों में नियम, शर्त और मंज़ूरी के सारे दस्तावेज़ दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी को देने होंगे। फिर कमेटी हफ़्तेभर में गड़बड़ियां बताएगी, और उन्हें दूर करने के लिए दो हफ़्ते का वक़्त मिलेगा। डीपीसीसी के वकील संजीव रैली ने कहा कि इन होटलों के दस्तावेज दुरुस्त हैं या नहीं इसकी जांच का जिम्मा दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी को सौंपा गया है। और यहां से अनुमति मिलने के बाद ही होटल चालू हो पाएंगे।
होटल मालिकों को डीपीसीसी में जुर्माना भी भरना होगा। 25 से कम कमरों वाले होटलों को 1 लाख, 25 से 49 कमरों वाले होटलों को 2 लाख और 50 या इससे ज्यादा कमरों वाले होटलों को 5 लाख रुपये भरने होंगे।
सारी प्रक्रिया शुरू करने के पहले हफ्ते भर में सभी सील हुए होटल को एक साल के लिए 5 लाख का सेक्योरिटी बांड भरना होगा।
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